राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लखनऊ विभाग की ‘शाखा टोली का एकत्रीकरण’ कार्यक्रम रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी स्मृति उपवन में आयोजित किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, ‘स्वयंसेवक शाखा के माध्यम से भारत के परम वैभव के लिए प्रतिदिन साधना कर रहे हैं.’ साथ ही उन्होंने कहा कि संघ 100 सालों से हिन्दू समाज को जागृत करता आ रहा है. संघ ने हिन्दुओं को समरसता की धारा में लाने का कार्य किया है.
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, पवित्र भगवा ध्वज के सम्मुख हम सभी यहां एकत्र हुए हैं, यह अपने कार्य पद्धति का हिस्सा है. संघ समय-समय पर अपने कार्यकर्ताओं को ठीक बनाए रखने और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है. यह एक संगठनात्मक कार्यक्रम है. इससे हमारे अंदर का स्वयंसेवकत्व बेहतर होता रहता है. इसकी तैयारी के लिए सभी ने अपनी-अपनी शाखा में कई दिनों तक मेहनत की है.’
‘भारतवर्ष में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं’
होसबाले ने कहा कि हम सब संघ के स्वयंसेवक हैं. हमने देश के लिए संकल्प लिया है. इस राष्ट्र को वैभव के शिखर पर ले जाने के लिए हम हमेशा काम करते रहेंगे. ऐसा हम इसलिए करते हैं क्योंकि हम भारतवर्ष में जन्मे हैं. भारतवर्ष में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं. इसलिए यहां जन्म लेना हमारा सौभाग्य है. ऐसे में हमारा कर्तव्य भी बनता है कि हमे समाज और देश के प्रति अपने संकल्पनिष्ठ कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत के साहित्यकारों, वैज्ञानिकों और समाज सेवकों आदि ने इसे भारत तो बना दिया है. इस धरती को संवारा है लेकिन इसे निरंतर उच्चता की ओर ले जाने के लिए हमें भी अपने कर्तव्यों ने का निर्वहन करना होगा. सरकार्यवाह ने कहा, ‘इस देश के लिए जिन महापुरुषों ने बलिदान दिया है, उन सबका हमें नाम तक याद नहीं रहता. ऐसे अनेक वीर हैं जिन्होंने आवश्यकता पड़ने पर अपने जीवन को न्योछावर करते हुए भारतीयता और धर्म की रक्षा की है. ऐसे लोगों की तरह ही हमें भी अपना जीवन निर्वाह करना होगा. ऐसे महापुरुषों का कर्ज हम सब पर हैं.’
हिन्दू समाज को बार-बार जगाना होता है- होसबाले
सरकार्यवाह ने कहा, ‘एक स्वयंसेवक का सपना होता है कि ‘देश हमें सब कुछ देता है, हम भी देश को कुछ देना सीखें.’ उन्होंने कहा कि सामाजिक काम तो पहले भी बहुत से लोगों ने किया है. मगर इसमें विचारणीय है कि आरएसएस की भूमिका क्या है? उन्होंने कहा कि संघ का कार्य है कि हर प्रकार का व्यक्ति अपने कार्य करते हुए देश-समाज के लिए कुछ न कुछ करे, यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य है. संघ की विशेषता है कि एक ही समय में एक ही पद्धति से एक ही लक्ष्य के साथ स्वयंसेवक शाखा का कार्य रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि कुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान है. कोई इसे भारतीयता, कोई हिंदुत्व तो कोई संस्कृति कहता है. संघ बीते 100 सालों से हिन्दू समाज को जागृत करता आ रहा है. इसीलिए संघ आज भी बढ़ता जा रहा है. हिन्दू समाज के साथ एक समस्या है कि इसे कोई महापुरुष आता है जगाता है. मगर वह फिर सो जाता है. हिन्दू समाज को बार-बार जागृत करना होता है. मगर वह बार-बार सो जाता है. ऐसा ही कार्य डॉ हेडगेवार जी ने किया है. संघ ने सदैव हिंदुओं को जगाने का कार्य किया है.
‘संघ का कार्य एक दृष्टि से साधना है’
उन्होंने कहा कि आने वाले एक साल में शाखा का प्रत्येक कार्यकर्ता समाज में परिवर्तन लाने का कार्य करेंगे. इसके लिए संघ के पंच परिवर्तन के कार्य को हर मंडल, हर शाखा, हर टोली तक पहुंचाना होगा. यह कार्य करने के लिये हम सबको व्यापक स्तर पर तैयारी करनी होगी. स्वयंसेवक होने के नाते हम सबको समय देना होगा, हमें अनुशासन में रहना होगा. संघ का कार्य एक दृष्टि से साधना है. जब तक हिन्दू समाज है, हमें यह कार्य करना है.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संघ हिन्दू राष्ट्र नहीं बना रहा है. हिन्दू राष्ट्र तो पहले से है. संघ हिन्दुओं को सेवाभावी हिन्दू बनाने एवं अकेले हिन्दू को शक्तिशाली बनाने का कार्य कर रहा है. जातीय हिन्दू को राष्ट्रीय हिन्दू बनाने का कार्य कर रहा है. हिन्दुओं को समरसता की धारा में लाने का कार्य संघ ने किया है. भले ही जन्म से वह हिन्दू है मगर उसके आचरण, स्वभाव और विचार से उसे सम्पूर्ण हिन्दू बनाने का कार्य संघ कर रहा है. इस अवसर पर आरएसएस के प्रचारक, प्रांत संघचालक समेत विभाग प्रचारक उपस्थित रहे.