सूरजपुर: प्रतापपुर ब्लॉक के परमेश्वरपुर गांव निवासी 65 वर्ष के रामदेव पिता भगना कोड़ाकू की मौत हाथी के हमले में हो गई. यह विचित्र घटना उस समय हुई जब वह अपने गांव से करीब दस किलोमीटर दूर घनघोर जंगल में अपनी हवेली में रहने के लिए जा रही थी. शनिवार की दोपहर कुछ आतिथ्य ने अपने शव संयंत्र से कुछ मीटर पहले देखा और वन विभाग को सूचना दी.
शव की हालत बेहद खराब थी और देखने में ऐसा लग रहा था कि यह घटना दो से तीन दिन पहले की है. ऐसा माना जा रहा है कि जंगल में विचरण कर रहे हैंथियों के दल का सामना हुआ था और उनमें से एक ने उस पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था.
जंगल में रहता था अकेला, हर शनिवार को आता था घर
पिछले कई सालों से जंगल में अकेले रह रहा था. वह हर शनिवार को अपने गांव राशन लेने जाता था और रविवार को वापस जंगल में स्थित स्टॉक में चला जाता था. इसी क्रम में वह इस बार जंगल की ओर लौट रही थी कि रास्ते में हाथी निकल गया और उसकी जान चली गई.
शव को जंगल से बाहर पुनर्निर्मित
गांव तक की जानकारी वन विभाग के कर्मचारियों के लिए जारी की गई. शव की खराब स्थिति के कारण रविवार को अंतिम संस्कार नहीं हो सका. शव को निगरानी में रखा गया है और गुरुवार को उसकी स्थापना के बाद मूर्ति को अलग कर दिया गया है. इस दौरान सहायता राशि के बारे में भी जानकारी दी गई है.
अंतिम तिथि में सुरक्षा की मांग
इस घटना के बाद इलाके में अशांति का माहौल है. बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से हैंडियों का दल इस वन्य क्षेत्र में सक्रिय है. नवीनीकृत ने वन विभाग से जंगल में निगरानी बढ़ाने और वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.