नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में कोई साजिश नहीं, बोले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर कहा कि इसमें किसी साजिश का संकेत नहीं मिला है और घटना के समय स्टेशन पर कोई असाधारण भीड़ भी नहीं थी. रेल भवन में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘फिलहाल किसी साजिश की संभावना नहीं दिख रही है.’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भगदड़ की वजह प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा नहीं थी, हालांकि जांच समिति इस मामले की गहराई से जांच कर रही है.

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16 प्लेटफॉर्मों की कुल क्षमता 48,000 यात्रियों की

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी 16 प्लेटफॉर्मों की कुल क्षमता 48,000 यात्रियों की है, क्योंकि हर प्लेटफॉर्म पर एक समय में 3,000 यात्री रह सकते हैं. घटना वाले दिन (15 फरवरी) शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच 12,208 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जबकि अन्य दिनों में यह संख्या लगभग 9,600 होती है. इसी तरह, रात 8 बजे से 10 बजे के बीच 7,600 अनारक्षित टिकट बेचे गए, जो अन्य दिनों की तुलना में कम थे.

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि शाम 7:15 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 12 से प्रयागराज स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी. टिकटों की बढ़ती बिक्री को देखते हुए, एक और विशेष ट्रेन की योजना बनाई गई, जो उसी प्लेटफॉर्म पर रात 8:50 बजे तैयार थी. रात 8:30 बजे प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए प्लेटफॉर्म 12 पर घोषणा की गई. इससे कुछ यात्री भ्रमित हो गए. जब ये यात्री सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे, तो वहां पहले से कई यात्री बैठे हुए थे. इसी दौरान, एक यात्री भारी सामान उठाए हुए था, वह असंतुलित होकर पीछे खड़े लोगों पर गिर पड़ा, जिससे भगदड़ मच गई.

‘कुंभ के लिए 12,583 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं’

रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि रेलवे ने इस बार भीड़ प्रबंधन में पिछली गलतियों से सबक लिया है. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुंभ मेले में 4,000 विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं, जबकि इस बार 13,000 ट्रेनों की योजना बनाई गई और अब तक 12,583 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं.’ उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश को इतने बड़े पैमाने पर भीड़ प्रबंधन की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ता, लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने दिन-रात काम करके इसे संभाला है. अब तक 2.9 करोड़ श्रद्धालु ट्रेन के जरिए कुंभ मेले में शामिल हो चुके हैं.

रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों को नकद मुआवजा देने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि संकट की घड़ी में नकद सहायता जरूरी होती है. उन्होंने कहा, ‘संकट के समय लोग अपने बैंक खातों तक नहीं पहुंच सकते. परिवारों को दवा, एंबुलेंस या अन्य जरूरतों के लिए तुरंत पैसे की जरूरत होती है. लगभग सभी देशों में प्रशासन इसी तरह नकद भुगतान करता है.’

जब उनसे पूछा गया कि रेलवे के नियमों के मुताबिक 50,000 रुपये से अधिक नकद भुगतान नहीं किया जा सकता, तो उन्होंने कहा कि यह सीमा सामान्य परिस्थितियों के लिए है, लेकिन शनिवार जैसी आपात स्थिति में यह नियम लागू नहीं होता. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ की जांच की बात कही है और किसी भी साजिश से इनकार किया है.

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