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‘भगवान राम के अस्तित्व का कोई सबूत और इतिहास नहीं’, तमिलनाडु के मंत्री के बयान से बवाल

तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके के नेताएसएस शिवशंकर के शुक्रवार को भगवान राम के ऐतिहासिक साक्ष्य पर सवाल उठाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. तमिलनाडु के अरियालुर जिले में राज्य सरकार की ओर से आयोजित चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती समारोह में बोलते हुए तमिलनाडु के परिवहन मंत्री शिवशंकर ने कहा कि जबकि कुछ लोग दावा करते हैं कि भगवान राम का इतिहास 3,000 साल पुराना है, लेकिन भगवान राम के लिए कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं हैं.

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उन्होंने कहा कि इसके विपरीत हमारे पास राजेंद्र चोल युग के साक्ष्य के रूप में मंदिर, शिलालेख और तांबे की प्लेटें हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि राजेंद्र चोल का जश्न न मनाने से समाज पर बिना इतिहास के लोगों को थोपा जा सकता है. बता दें कि चोल वंश के राजा राजेंद्र चोल ने साल 1014 से 1044 ई तक शासन किया था. उन्हें गंगईकोंडा चोलन, राजेंद्र महान और कदारम कोंडन के नाम से भी जाना जाता है.

राम के अस्तित्व का कोई सबूत नहीं

उन्होंने कहा, हमारे परिवार में हमारे माता-पिता और पूर्वजों के लिए हर साल किसी न किसी तरह का त्योहार मनाने की प्रथा है. इस तरह हमें एक समारोह आयोजित करना चाहिए और राजेंद्र चोल का जश्न मनाना चाहिए, जिन्होंने इस भूमि को गौरवान्वित किया है.”

उन्होंने कहा कि राम का इतिहास 3000 साल पुराना बताया जाता है, लेकिन राम के अस्तित्व का कोई सबूत या इतिहास नहीं है, लेकिन हमारे राजा राजेंद्र चोल के शासन के प्रमाण के रूप में, हमारे पास अभी भी उनके द्वारा बनाए गए मंदिर और तालाब हैं.

उन्होंने कहा कि अगर हम राजेंद्रन जैसे लोगों का जश्न नहीं मनाते हैं, तो इतिहासहीन लोग हमारे सिर पर लटके रहेंगे. जो लोग राम के बारे में बात करते हैं, वे उन्हें केवल अवतार के रूप में संदर्भित करते हैं.

चोल राजा राजेंद्र चोल की मनाई गई जयंती

उन्होंने कहा कि अवतार का मतलब है कि कोई पैदा नहीं हो सकता है, अगर कोई भगवान के रूप में पैदा होता है तो वह अवतार नहीं हो सकता है. डीएमके मंत्री ने कहा कि वे यह सब हमें बहकाने और एक अलग इतिहास को उजागर करने के लिए यह कर रहे हैं.

डीएमके के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने अरियालुर जिले में जयंगकोंडम के पास स्थित गंगईकोंडा चोलपुरम प्रगतिश्वर मंदिर में चोल राजा राजेन्द्र चोल, जिन्हें आदि तिरुवधिराय कहा जाता है, की जयंती मनाई. तमिलनाडु के परिवहन मंत्री शिवशंकर प्रगतिश्वर मंदिर में आयोजित समारोह में शामिल हुए और उनके राम को लेकर उनके बयान से विवाद पैदा हो गया है.

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