पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया कितनी मजबूत होनी चाहिए, इस बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कल कहा था कि पाकिस्तान के साथ युद्ध की कोई जरूरत नहीं है. हम इसके पक्ष में नहीं हैं. हमें कड़े कदम उठाने चाहिए. अपनी सुरक्षा को और पुख्ता करना चाहिए. उनके इस बयान का वीडियो पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स से खूब शेयर किया जा रहा है. इसे लेकर भाजपा ने सिद्धारमैया पर हमला बोला है.
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया पाकिस्तान की कठपुतली की तरह बयान दे रहे हैं, वह भी ऐसे समय में जब देश बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है और सीमा पर युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कर्नाटक के दो लोग भी शामिल हैं.
सिद्धारमैया को ‘पाकिस्तान रत्न’ कहकर संबोधित करते हुए आर. अशोक ने कहा कि अपने बचकाने और बेतुके बयानों के कारण वह रातोंरात पाकिस्तान में प्रसिद्ध हो गए हैं. उन्होंने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘आपको बधाई. यदि आप कभी दोबारा पाकिस्तान गए तो आपका शाही स्वागत किया जाएगा इस बात की गारंटी है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा यदि पाकिस्तानी सरकार आपको उनकी वकालत करने वाले महान शांतिदूत के रूप में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करे.’ आर. अशोक ने अपने इस सोशल मीडिया पोस्ट में सिद्धारमैया के बयान को एक पाकिस्तानी समाचार चैनल पर दिखाए जाने की क्लिपिंग भी शेयर की थी.
अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया जैसे लोगों की सार्वजनिक जीवन में उपस्थिति हमारे देश की सबसे बड़ी त्रासदी है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पूरी दुनिया निंदा कर रही है, लेकिन कांग्रेस नेताओं की आदत बन गई है कि वे वास्तविक स्थिति जाने बिना देश के बारे में हल्की बातें करते हैं. उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘पूरी दुनिया भारत के प्रति संवेदना व्यक्त कर रही है. अधिकांश देश भारत से कह रहे हैं कि वह आतंकवादियों को उनकी कल्पना से भी बड़ा सबक सिखाए. इस बीच, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बयान दिया है कि हमें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को दंडित नहीं करना चाहिए, बल्कि अपनी सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए. यह निंदनीय है.’
Congress rushes to Pakistan’s rescue. Karnataka Chief Minister Siddaramaiah, who owes his position to Muslim votes, is being quoted across Pakistan for suggesting that we focus on security measures in Kashmir instead of confronting Pakistan, despite them murdering Indian Hindus… pic.twitter.com/YKvVoGN3UE
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 26, 2025
भाजपा आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने अपने X पोस्ट में कहा, ‘कांग्रेस पाकिस्तान को बचाने के लिए आगे आई है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मुस्लिम वोटों के कारण अपने पद पर हैं. पाकिस्तान में उनका वह वीडियो वायरल है, जिसमें वह सुझाव दे रहे हैं कि हमें पाकिस्तान से युद्ध करने की बजाय कश्मीर में सुरक्षा मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जबकि वे भारतीय हिंदुओं की निर्मम हत्या कर रहे हैं.’
अपने बयान को लेकर हो रही आलोचना पर सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए X पर लिखा, ‘मैंने देखा है कि युद्ध के बारे में मेरे बयान के पक्ष और विपक्ष में चर्चाएं चल रही हैं. युद्ध किसी भी देश के लिए अंतिम उपाय है, लेकिन यह पहला या एकमात्र विकल्प नहीं है. युद्ध तभी करना चाहिए जब दुश्मन को हराने के सभी अन्य विकल्प विफल हो गए हों. केंद्र सरकार ने भी सर्वदलीय बैठक में माना है कि पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले के पीछे हमारी खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता थी. केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह पहले इस चूक को सुधारे और फिर भविष्य में ऐसी हरकतें न हों, इसके लिए एहतियात बरते.’
उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि को निरस्त करने सहित कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं. हम इसका स्वागत करते हैं. हमें विश्वास है कि सरकार भविष्य में और भी सख्त कदम उठाएगी. ऐसे कदमों के साथ हमारा पूरा सहयोग है. वहीं, कुछ उपद्रवी तत्व देश के अंदर युद्धोन्माद पैदा करने और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. आज देश बहुत संवेदनशील स्थिति का सामना कर रहा है. बाहरी दुश्मन का सामना करने के लिए हम सभी को आंतरिक रूप से एकजुट होना होगा.’
सिद्धारमैया ने कहा, ‘पाकिस्तान एक बीमार देश है जो आज आर्थिक रूप से दिवालिया हो चुका है. उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए दुनिया में एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर रहे भारत को सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है. इस संदर्भ में दुनिया के सभी देश पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते हुए भारत के साथ खड़े हैं. भारत को इस घटनाक्रम का लाभ उठाना चाहिए और पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए ताकि वह फिर कभी ऐसी हरकतें न कर सके.’