कोटा: में 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के करीब 20 महीने पुराने मामले में पॉक्सो कोर्ट-4 ने ऐतिहासिक सख़्त फैसला सुनाया है. न्यायाधीश विक्रम सिंह ने 58 वर्षीय आरोपी को 20 साल कठोर कारावास और 25 हजार अर्थदंड की सज़ा सुनाई. कोर्ट ने टिप्पणी की है – “ऐसे अपराधी को किसी भी प्रकार की नरमी का अधिकार नहीं है, यह अपराध केवल पीड़िता नहीं बल्कि पूरे समाज के खिलाफ है.”
विशिष्ट लोक अभियोजक वंदना नागर ने बताया कि कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट कहा – “अगर ऐसे अपराधियों के प्रति नरमी बरती गई तो समाज में इस तरह के अपराध बढ़ेंगे और कम उम्र के बच्चों का घर में रहना व खेलना भी दूभर हो जाएगा.”
मामले की पृष्ठभूमि जनवरी 2024 में पीड़िता की मां ने ग्रामीण थाने में रिपोर्ट दी थी. 14 जनवरी को महिला खेत पर काम करने गई थी और पति भी बाहर था. घर पर 6 साल की बेटी और 1 साल का बेटा चचेरे भाई के बच्चे के साथ खेल रहे थे. इसी दौरान आरोपी बच्ची को बहला-फुसलाकर अपनी टपरी में ले गया और दुष्कर्म किया.
जब चचेरे भाई का बच्चा खेत पर आया और उसने यह बताया कि बच्ची को ‘डोकरा’ (आरोपी) ले गया है तो परिवार ने बच्ची को ढूंढा. बच्ची आरोपी की टापरी में मिली और पूछने पर उसने सारी घटना बताई. शिकायत पर पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया.
कोर्ट में 14 गवाह और 26 दस्तावेज पेश किए गए. सबूतों के आधार पर कोर्ट ने दोषी को 20 साल कठोर कारावास की सज़ा सुनाई.
यह फैसला संदेश देता है कि मासूमों पर दरिंदगी करने वालों को कानून बख़्शने वाला नहीं है.