“रामभक्ति में नहीं कोई दीवार!” — अयोध्या में बुर्कानशीं मुस्लिम दंपत्ति ने लिया रामलला का आशीर्वाद, गाए भजन, किया योगी की तारीफ

अयोध्या : गंगा दशहरा के पावन अवसर पर जब अयोध्या नगरी रामभक्ति में सराबोर थी, तभी एक दृश्य ऐसा भी आया जिसने हर किसी को चौंका दिया, भावुक किया और यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि “श्रद्धा का कोई धर्म नहीं होता” राम मंदिर में गुरुवार दोपहर एक मुस्लिम दंपत्ति ने पहुंचकर न सिर्फ रामलला के दर्शन किए, बल्कि भक्ति में लीन होकर भजन भी गाए.

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बुर्का पहने महिला को कतार में खड़े देख पहले तो श्रद्धालु चकित रह गए, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो माहौल बदल गया—जय श्रीराम के उद्घोषों के बीच मोहब्बत, आस्था और सौहार्द का अद्भुत नज़ारा बन गया.

 बुर्के में भक्ती… पुलिस भी हुई सतर्क!

घटना दोपहर करीब 2 बजे की है। जैसे ही मंदिर परिसर में बुर्का पहने महिला और उनके साथ एक पुरुष नजर आए, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और श्रद्धालु सकते में आ गए. अयोध्या इस वक्त हाई अलर्ट पर है, खासकर जब मंगलवार को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामदरबार और अन्य मंदिरों की प्राण-प्रतिष्ठा की थी। लिहाजा, सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क होना ही था.

राम पथ पर तैनात पुलिसकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुर्कानशीं महिला और उसके पति को रोका और पूछताछ की। पूछने पर महिला ने कहा—“मैं प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए आई हूं।” बात की सच्चाई जानने के लिए महिला सिपाहियों को बुलाया गया.तलाशी के बाद जब स्थिति स्पष्ट हो गई, तो उन्हें अनुमति दे दी गई और वो दर्शन के लिए आगे बढ़े.

 ‘राम मेरे दिल में हैं’, बोले मुस्लिम युवक

इस मुस्लिम दंपत्ति की पहचान मोहम्मद अमीन और उनकी पत्नी के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद के रहने वाले हैं। मोहम्मद अमीन ने मीडिया से बात करते हुए कहा—
“मैं रामभक्त हूं। मैं लखीमपुर के गोला गोकर्णनाथ मंदिर सहित कई धार्मिक स्थलों पर गया हूं। आज रामलला के दर्शन की इच्छा हुई तो अयोध्या चला आया”

इतना ही नहीं, मोहम्मद अमीन और उनकी पत्नी ने वहां मौजूद भक्तों के बीच रामभक्ति में डूबकर ‘जय श्रीराम’, ‘राम नाम सत्य है’ जैसे भजन भी गाए। यह नज़ारा देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं और हर ओर से तालियों की गूंज सुनाई देने लगी.

 योगी आदित्यनाथ की तारीफ, जन्मदिन पर दी शुभकामनाएं

भक्ति के इस माहौल में मोहम्मद अमीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी जमकर तारीफ की.उन्होंने कहा—“योगी जी एक ईमानदार और दूरदर्शी नेता हैं। उन्होंने अयोध्या को एक भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना दिया है। मैं उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं.”

उनकी पत्नी ने भी कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से राम मंदिर के दर्शन किए और ये अनुभव उनके जीवन का अविस्मरणीय पल बन गया.

 कैमरों की फ्लैश, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला

जैसे ही कतार में मौजूद श्रद्धालुओं और मीडिया ने इस दृश्य को देखा, कैमरे चलने लगे। फोटो और वीडियो वायरल हो गए। कुछ श्रद्धालुओं ने कहा—“ये ही तो है असली भारत… जहां बुर्का पहनकर भी मंदिर में भजन गाए जाते हैं और किसी को कोई आपत्ति नहीं होती.”

सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत सतर्कता बरतते हुए दंपत्ति को भीड़ से अलग ले जाकर एक सुरक्षित स्थान पर बैठाया, ताकि किसी प्रकार की अफवाह न फैले। दर्शन के बाद दोनों शांति से मंदिर परिसर से निकल गए।


 इस घटना ने दिया एक बड़ा संदेश…

अयोध्या की इस घटना ने साफ कर दिया कि राम किसी एक धर्म या जाति के नहीं हैं, राम तो आस्था हैं, विश्वास हैं, और सबसे बड़ा संदेश हैं ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ का।

जहां आज देश में धर्म के नाम पर राजनीति और टकराव की बातें होती हैं, वहीं अयोध्या की यह घटना एक मिसाल बनकर सामने आई है कि भारत का दिल आज भी इंसानियत और भक्ति में धड़कता है.

गंगा दशहरा के दिन अयोध्या में हुआ यह अद्भुत दृश्य न सिर्फ मीडिया की सुर्खियों में है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोगों की जुबां पर यही एक बात है—“राम सबके हैं, राम में सबका है स्थान।”

यह कहानी बताती है कि धर्मों से परे भी एक दुनिया है — भक्ति की, प्रेम की, और मानवता की।

और यही बनता है आज की खबर की सबसे बड़ी हेडलाइन:

“राम मंदिर में बुर्कानशीं महिला ने लिए दर्शन, गाए भजन — मोहब्बत और आस्था का अद्भुत संगम!”


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