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फिलिस्तीन का झंडा थामना कोई गलत नहीं… कर्नाटक के मंत्री ने विवाद को दी और हवा

कर्नाटक में मिलाद-उल-नबी जुलूसों के मौके पर फिलिस्तीनी झंडे लहराए गए, जिसको लेकर सियासत तेज है. इस बीच सूबे के मंत्री बी. जेड. जमीर अहमद खान ने झंडे लहराए जाने का बचाव किया है. साथ ही साथ उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला. मंत्री ने जोर देकर कहा कि फिलिस्तीनी झंडा लहराना कोई मुद्दा नहीं है. केंद्र सरकार फिलिस्तीन को खुला समर्थन करती है.

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जमीर अहमद खान ने चित्रदुर्ग, दावणगेरे और कोलार जैसी जगहों पर जुलूसों के दौरान फिलिस्तीनी झंडे लहराए जाने पर आपत्ति जताने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की आलोचना की. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के पक्ष में नारे लगाना अस्वीकार्य माना जा सकता है, लेकिन सिर्फ झंडा थामना कोई गलत काम नहीं है. केंद्र सरकार ने खुद फिलिस्तीन को समर्थन दिया है, केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि हम फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं.

बीजेपी बना रही बड़ा मुद्दा- खान

उन्होंने कहा कि किसी ने फिलिस्तीन का झंडा थाम लिया इसलिए बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बना रही है. अगर कोई दूसरे देश की जय कहता है तो यह गलत है, वह देशद्रोही है और उसे फांसी पर लटका देना चाहिए, लेकिन मेरे हिसाब से (फिलिस्तीनी) झंडा थामने में कुछ भी गलत नहीं है.

इसके अलावा मंत्री जमीर अहमद खान ने बीजेपी के उन दावों पर भी पलटवार किया जिसमें प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को मांड्या जिले के नागमंगला में हुई हालिया हिंसा से जोड़ा गया. उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले में मूल रूप से केरल के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वे 50 से अधिक वर्षों से इस क्षेत्र में रह रहे थे और अब उन्हें स्थानीय माना जाना चाहिए.

दरअसल, इस मामले को लेकर पिछले सप्ताह चिकमगलुरु में छह नाबालिगों को हिरासत में लिया गया. इन नाबालिगों को दोपहिया वाहन चलाते समय फिलिस्तीनी झंडा थामे दिखाया गया था. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वहीं, शिमोगा जिले के तीर्थहल्ली तालुक में एक और विवाद तब सामने आया जब एक बाजार क्षेत्र में ‘हम फिलिस्तीन के साथ खड़े हैं’ मैसेज वाला एक फिलिस्तीन समर्थक फ्लेक्स रखा गया.

बीजेपी ने फिलिस्तीन समर्थक फ्लेक्स पर जताई आपत्ति

कर्नाटक के पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने फ्लेक्स की निंदा की और तत्काल कार्रवाई की मांग की. शिमोगा में पुलिस अधीक्षक को लिखे एक पत्र में ज्ञानेंद्र ने फिलिस्तीन समर्थक फ्लेक्स की की जांच करने की मांग की, यहां तक कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच करवाने का भी सुझाव दिया. उन्होंने अधिकारियों की ओर से कार्रवाई में देरी को लेकर बड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी. ज्ञानेंद्र ने कहा, ‘ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में राजनीतिक रूप से प्रेरित फ्लेक्स लगाने का कार्य अस्वीकार्य है.’ ज्ञानेन्द्र ने चिंता जताई कि ये घटनाएं सांप्रदायिक विवाद को भड़काने के बड़े प्रयासों का हिस्सा हो सकती हैं.

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