एक कांवड़ ऐसी भी! डॉक्टर ने बेटी को दी नई जिंदगी तो पिता ने मान लिया भगवान, अब उन्हीं की फोटो लगा ला रहे जल

कभी-कभी ज़िंदगी में कोई ऐसा पल आता है, जो इंसान की सोच, आस्था और रास्ता तीनों बदल देता है. कुछ ऐसा ही हुआ बड़ौत कस्बे के रहने वाले विशाल भारद्वाज के साथ. जिनकी नवजात बेटी ज़िंदगी की जंग हारने को थी, लेकिन तभी एक डॉक्टर “भगवान” बनकर आया… और सब कुछ बदल गया.

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बागपत के बड़ौत कस्बे के रहने वाले विशाल भारद्वाज की बेटी प्रीमैच्योर होने के कारण जन्म के तुरंत बाद ही गंभीर हालत में पहुंच गई थी. जिसके चलते डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए थे और परिवार ने उम्मीदें छोड़ दी थीं. लेकिन बड़ौत के एक निजी अस्पताल में कार्यरत डॉ. अभिनव तोमर ने हार नहीं मानी. उन्होंने न केवल उस नन्हीं जान को बचाया, बल्कि पूरे परिवार को ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी लौटा दी.

कांवड़ पर विशाल ने लगाई डॉक्टर की फोटो

अब उसी डॉक्टर की लंबी उम्र के लिए बेटी के बाप कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. बेटी को नई जिंदगी मिलने के बाद विशाल भारद्वाज ने तय किया कि वो अब उस डॉक्टर को सिर्फ डॉक्टर नहीं, भगवान मानेगा. इसी आस्था का प्रमाण है हरिद्वार से उठाई गई 31 लीटर की विशेष कांवड़ पर डॉक्टर अभिनव की तस्वीर लगाई गई है.

कांवड़ पर डॉक्टर की तस्वीर देख हर कोई देखता ही रह जा रहा है और भावुक भी हो जा रहा है. जब विशाल हरिद्वार से बड़ौत के लिए कांवड़ लेकर चले तो राह में कई शिवभक्तों की नजर अनोखी कांवड़ पर पड़ी. जिस पर किसी भगवान की नहीं, एक डॉक्टर की तस्वीर थी. किसी ने पूछा तो विशाल ने मुस्कराकर कहा—ये वो हैं जिन्होंने मेरी बेटी को ज़िंदगी दी.

अगले साल से 51 लीटर जल ले जाएंगे विशाल

मेरी बेटी जब पैदा हुई थी तो उसके बचने की उम्मीद नहीं थी. क्योंकि वह समय से पहले ही पैदा हो गई थी. कई डॉक्टरों ने उसके इलाज के लिए हाथ खड़े कर दिए थे. लेकिन डॉ. अभिनव तोमर ने हार नहीं मानी और मेरी बच्ची का इलाज किया. जिससे मेरी बच्ची ठीक हो गई.

विशाल ने बताया कि इस बार डॉक्टर साहब के नाम पर 31 लीटर जल लेकर जा रहा हूं. लेकिन अगले साल 51 लीटर जल लाऊंगा. डॉक्टर साहब के नाम की कांवड़ यात्रा हर साल करूंगा.

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