महाराष्ट्र में टूरिस्ट और मेडिकल वीजा पर धर्म प्रचार का शक, तबलीगी जमात की गतिविधियों पर खुफिया एजेंसियों की नजर

देश की खुफिया एजेंसियों ने तबलीगी जमात की गतिविधियों को लेकर एक बार फिर चिंता जताई है. एजेंसियों का कहना है कि संगठन के विदेशी सदस्य पर्यटक, छात्र और मेडिकल वीजा का कथित रूप से गलत इस्तेमाल कर रहे हैं साथ ही भारत में धार्मिक प्रचार कर रहे हैं, जो वीजा शर्तों के खिलाफ है.

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के कई जिलों में विदेशी जमाती सदस्य छोटे समूहों में रहकर ‘चिल्ला’ (प्रचार यात्रा) जैसे धार्मिक अभियानों में हिस्सा ले रहे हैं. ये लोग अब बड़े आयोजनों या मस्जिदों से दूर रहते हुए निजी होटलों, लॉज और घरों में ठहरते हैं ताकि प्रशासन की निगाह से बचा जा सकें. इनके रहने, खाने और आवाजाही की व्यवस्था स्थानीय समर्थकों द्वारा की जाती है.

गणपति उत्सव के दौरान विशेष सतर्कता

राज्य एजेंसियों ने त्योहारों के दौरान विशेषकर गणपति उत्सव में सतर्कता बढ़ाने की सिफारिश की है. किसी भी विदेशी नागरिक द्वारा प्रचारात्मक गतिविधियों में शामिल होना सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकता है. जिसको लेकर एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हैं.

कोविड-19 के बाद कड़े नियम

2020 में निजामुद्दीन मरकज से जुड़े कोविड विवाद के बाद केंद्र सरकार ने वीजा नियमों को सख्त कर दिया था. अब किसी भी वीजा श्रेणी में धार्मिक प्रचार, इज्तिमा में भागीदारी या साहित्य वितरण जैसे कार्यों पर सख्त प्रतिबंध है. उस समय हजारों विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किया गया था और 10 साल तक भारत में प्रवेश वर्जित कर दिया गया.

वित्तीय पारदर्शिता पर भी सवाल

एजेंसियों को तबलीगी जमात की वित्तीय पारदर्शिता पर भी संदेह है. इंटेलिजेंस इनपुट में हवाला फंडिंग, बिना घोषित विदेशी फंड और FCRA कानूनों का उल्लंघन सामने आया है. इसको लेकर CBI और ED दोनों जांच कर रहे हैं. ताकि पता चल सके कि फंडिंग कहां सो हो रही है.

स्थानीय स्तर पर अवैध निर्माण और नेटवर्किंग

महाराष्ट्र के कुछ संवेदनशील जिलों में बिना अनुमति धार्मिक स्थल बनाने और गैर-पंजीकृत जमावड़े की घटनाओं पर भी एफआईआर दर्ज की गई है. इन गतिविधियों में संलिप्त NGOs और ट्रस्ट भी जांच के दायरे में हैं. हालांकि तबलीगी जमात स्वयं हिंसा का प्रचार नहीं करता, लेकिन एजेंसियों को चिंता है कि इसके कुछ पूर्व सदस्य बाद में आतंकी संगठनों जैसे अल-कायदा और ISIS से जुड़ चुके हैं. इससे संगठन की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी बनी हुई है.

एजेंसियों का रुख

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि यह निगरानी धार्मिक गतिविधियों को नहीं बल्कि वीजा शर्तों के उल्लंघन को लेकर है. उन्होंने कहा कि अगर कोई विदेशी नागरिक गलत वीजा पर भारत आकर धार्मिक प्रचार करता है या बिना अनुमति निर्माण करता है, तो उस पर विदेशी नागरिक अधिनियम, 1946 और संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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