ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान का साथ देने की वजह से इस समय तुर्की काफी चर्चा में है. इससे देश भर में नाराजगी है और बड़ी संख्या में लोगों ने पर्यटन के लिए जाने और पहचाने जाने वाले इस देश की बुकिंग तक कैंसिल कर दी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक तुर्की अपने ही देश में भी है. यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि तुर्की मध्य प्रदेश में है. इसी नाम से रेलवे स्टेशन भी है.
तुर्की ही नहीं, मध्य प्रदेश में कई ऐसे रेलवे स्टेशन आपको मिल जाएंगे, जिनके नाम सुनकर आप हैरान हो सकते हैं और आपकी हंसी छूट सकती है. विश्वास नहीं हो रहा तो हम बता रहे हैं इन स्टेशनों के नाम. ये स्टेशन हैं करैला, गुर्रा, रोटी, फंदा, कड़कबेल, शनिचरा, बिजरी और ना जाने क्या क्या. अब तुर्की से बात शुरू हुई है तो पहले इसी स्टेशन की बात करते हैं. यह रेलवे स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे में है और सतना से जबलपुर वाले रूट पर करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर है.
पश्चिम मध्य रेलवे में ही रोटी और सहेली स्टेशन भी हैं. नागपुर सेंट्रल रेलवे डिवीजन में भोपाल-नागपुर खंड पर हौशंगाबाद में हैं. इसी प्रकार छुलहा और चांदनी रेलवे स्टेशन भी मध्य प्रदेश में ही हैं. छुलहा बिलासपुर-कटनी रेल खंड पर है और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के अंडर में है. यह रेलवे स्टेशन अमरकंटक के पास स्थित है. वहीं बुरहानपुर जिले में चांदनी रेलवे स्टेशन मौजूद है. इसी प्रकार मध्य प्रदेश के अनूपपुर में बिजुरी स्टेशन है. यह स्टेशन एमपी से छत्तीसगढ़ (सरगुजा, अंबिकापुर रूट) है. वहीं राजधानी भोपाल के पास फन्दा स्टेशन भी है.यह स्टेशन रतलाम मंडल में आता है.
कड़छा और करैला भी हैं स्टेशनों के नाम
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में करैला नाम से एक रेलवे स्टेशन है. पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल में आने वाले इस स्टेशन पर केवल एक ही प्लेटफार्म है. वहीं उज्जैन के पास रतलाम मंडल का कड़छा स्टेशन है. इसी प्रकार अजीब नाम वाले अन्य स्टेशन काला पीपल, पोला पत्थर भी हैं. इनके अलावा मध्य प्रदेश में ही सोनी, शनिचरा रेलवे स्टेशन भी मौजूद हैं. सोनी भिंड- इटावा रेल रूट पर है तो शनिचरा ग्वालियर-मुरैना रेल लाइन पर पड़ता है. इसी प्रकार करोंदा रेलवे स्टेशन सागर जिले में तो करकबेल स्टेशन नरसिंहपुर जिले में है.