7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनधारी बेसब्री से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार कर रहे हैं. देश में 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) 1 जनवरी, 2016 से लागू हुआ था. इससे लगभग 1 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचा था. चूंकि हर 10 साल में वेतन आयोग लागू किया जाता है ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर देगी. इससे न्यूनतम वेतन और पेंशन में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है.
31 दिसंबर, 2025 को खत्म होना चाहिए 7वां वेतन आयोग
हालांकि, 7वें वेतन आयोग में यह उल्लेख नहीं किया गया था कि इसका समय 31 दिसंबर, 2025 को खत्म होने वाला है. ऐसे में एक बड़े वर्ग को चिंता है कि नया वेतन आयोग इस बार 10 साल में लागू होगा या नहीं. सरकार की ओर से भी अभी तक 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. पिछले एक साल में कई बार कर्मचारी यूनियन केंद्र सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर चुके हैं. बजट के बाद जब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि अभी इस काम के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है.
न्यूनतम सैलरी 18 हजार रुपये और पेंशन हो गई थी 9000 रुपये
6वें वेतन आयोग (6th Pay Commission) से 7वें वेतन आयोग में शिफ्ट होने के दौरान कर्मचारी यूनियन ने डिमांड की थी कि सैलरी रिवीजन में फिटमेंट फैक्टर को 3.68 रखा जाए लेकिन, सरकार ने इसे 2.57 ही रखा. फिटमेंट फैक्टर की मदद से केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम सैलरी 7000 रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये हो गई थी. इसके अलावा मिनिमम पेंशन भी 3500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये हो गई थी. नौकरी कर रहे कर्मचारियों की अधिकतम वेतन 2.50 लाख रुपये और अधिकतम पेंशन भी 1.25 लाख रुपये हो गई थी.
मिनिमम सैलरी 34,560 और पेंशन 17,280 रुपये हो सकती है
अब 8वें वेतन आयोग में यदि कर्मचारी यूनियन की डिमांड मान ली जाती है तो फिटमेंट फैक्टर को 1.92 किया जा सकता है. इसकी मदद से देश में सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये और मिनिमम पेंशन 17,280 रुपये तक पहुंच सकती है. इससे महंगाई की मार झेल रहे कर्मचारियों और पेंशनर्स को काफी राहत मिलेगी.