सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी है. यह चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट में हर दिन होने वाली मामलों की सुनवाई में क्रम तय करने को लेकर लिखी गई है. एसोसिएशन ने सीजेआई को लिखे पत्र में कहा है कि मामलों की सुनवाई के क्रम तय करने की जो व्यवस्था है उसे एक दिन पहले ही कॉज लिस्ट के साथ जारी किया जाए.
इसके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में मामलों की सुनवाई पर वकीलों द्वारा पास ओवर यानी मामलों को कुछ मामलों की सुनवाई के बाद दोबारा सुनने की मांग को स्वीकार किए जाने पर भी चिंता जाहिर की है. चिट्ठी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पास ओवर देने से इनकार करने की वजह से बार के बुजुर्ग सदस्य और जो तकनीकी रूप से बहुत कुशल नहीं हैं वो इसका खामियाजा भुगत रहे हैं. अक्सर अपने मामलों की सुनवाई में शामिल नहीं हो पाते हैं.
अभी क्या है केसों की क्रम तय करने की व्यवस्था?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में मामलों की सुनवाई के लिए कोर्ट एक क्रम तय होता है जिसमें उस क्रम में कुछ परिवर्तन करते हुए कोर्ट मामलों को ऊपर नीचे करता है. कोर्ट यह कम मामलों की सुनवाई से पहले यानी सुबह 10:30 बजे तय करता है, जिसको लेकर SCAORA ने CJI को चिट्ठी लिखी है.
शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के निर्देशों पर जताया आपत्ति
सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए मुकदमे की सुनवाई पूरी करने का समय तय करने के हाई कोर्ट के निर्देशों पर आपत्ति जताई. शीर्ष अदालत ने कहा कि इन्हें लागू करना कठिन है और इससे वादियों में झूठी उम्मीद जगती है. न्यायालय ने कहा कि ऐसे निर्देशों से निचली अदालतों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि कई निचली अदालतों में एक ही तरह के पुराने मामले लंबित हो सकते हैं.