मध्य प्रदेश के दमोह रेलवे स्टेशन पर शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात खानाबदोश समुदाय के दो गुटों में विवाद हो गया। मामूली कहासुनी के बाद मामला इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया। इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ। आधे घंटे तक स्टेशन परिसर में हंगामा और मारपीट चलती रही, जिससे वहां मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
जानकारी के अनुसार, कुछ खानाबदोश पुरुष शराब पीने के बाद आपस में उलझ गए। देखते ही देखते विवाद मारपीट में बदल गया और दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान तेज आवाजों और झगड़े के कारण यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया।
हैरानी की बात यह रही कि जीआरपी चौकी, आरपीएफ थाना और कोतवाली पुलिस की ड्यूटी होने के बावजूद घटना के समय कोई भी पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं था। जब तक पुलिस बल वहां पहुंचा, तब तक दोनों गुट घटनास्थल से फरार हो चुके थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि करीब आधे घंटे तक विवाद चलता रहा और मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना के बाद जीआरपी ने कार्रवाई करते हुए स्टेशन परिसर और आसपास डेरा डाले खानाबदोशों को वहां से बाहर कर दिया। हालांकि, इस पूरे मामले में अब तक किसी भी पक्ष की ओर से शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर पहले से ही खानाबदोश समुदाय के लोग ठहरते हैं, जिससे अक्सर विवाद जैसी स्थिति पैदा होती रहती है। वहीं, यात्रियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है और सवाल किया है कि इतने बड़े रेलवे स्टेशन पर पुलिस बल तैनात होने के बावजूद आधे घंटे तक खुलेआम झगड़ा कैसे चलता रहा।
फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन बिना शिकायत के कार्रवाई सीमित रह गई है। इस घटना ने एक बार फिर दमोह रेलवे स्टेशन की सुरक्षा और पुलिस की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।