मंदिर में अजगर मिलने से मची अफरा-तफरी, सर्पमित्र ने ऐसे किया सुरक्षित रेस्क्यू

इटावा: थाना वैधपुरा क्षेत्र में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में आज दोपहर एक बजे एक विशालकाय अजगर मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. मंदिर के पास रहने वाले ग्रामीण लल्ला सिंह और उनकी पत्नी राजकुमारी जब मंदिर का ताला खोलने गए, तो उन्होंने हनुमान जी की मूर्ति के पास 7 फीट लंबे अजगर को देखा. जिसके बाद वन्यजीव विशेषज्ञ को सूचना दी गई. अजगर सुरक्षित रेस्क्यू कर प्राकृत वास में छोड़ा गया.

घटना के समय मंदिर के पास 8-10 बकरियां मौजूद थीं, जिन्हें देखकर अजगर वहां आया होगा. स्थानीय निवासी दुर्गेश दुबे के माध्यम से सूचना पाकर जनपद के वन्यजीव विशेषज्ञ और सर्पमित्र डॉ. आशीष त्रिपाठी मौके पर पहुंचे. उन्होंने शिव और हनुमान की मूर्ति के पास लेटे अजगर का सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया और उसे वन विभाग इटावा को सौंप दिया.

डॉ. त्रिपाठी ने ग्रामीणों को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि यह पायथन मोरूलस प्रजाति का सर्प है, जो वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित है. इस प्रजाति के सांप में जहर नहीं होता, लेकिन काटने पर सफाई न होने से गैंगरीन का खतरा हो सकता है. इस जीव को मारने या नुकसान पहुंचाने पर कानून के तहत सजा और जुर्माने का प्रावधान है. ग्रामीणों ने अजगर के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए डॉ. त्रिपाठी का विशेष आभार व्यक्त किया.

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