कटनी : जिले में पदस्थ सीएसपी ख्याति मिश्रा से जुड़ा पारिवारिक विवाद अब एक बड़े प्रशासनिक संकट में तब्दील हो चुका है.यह मामला उस वक्त तूल पकड़ गया जब ख्याति मिश्रा के ट्रांसफर के बाद उनके पति और बच्चों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट और दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप सामने आया.घटना के बाद से प्रदेशभर में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.
ख्याति मिश्रा का हाल ही में तबादला कटनी से सतना जिले के अमरपाटन एसडीओपी पद पर हुआ है.ट्रांसफर के बाद उनके पति शैलेन्द्र शर्मा, जो दमोह जिले के घटेरा में तहसीलदार हैं, अपने परिजनों और बच्चों के साथ ख्याति मिश्रा के सरकारी बंगले से सामान लेने पहुंचे थे.तभी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शैलेन्द्र शर्मा के परिजनों को थाने ले जाया.बाद में जब शैलेन्द्र शर्मा खुद वहां पहुंचे, तो उन्हें थाने के बाहर से भगा दिया गया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि महिला थाने में न सिर्फ ख्याति मिश्रा के पति बल्कि उनके बच्चों, ससुराल पक्ष और मायके पक्ष के लोगों को भी पुलिस द्वारा कथित रूप से पीटा गया.ख्याति मिश्रा के नाबालिग बेटे ने मीडिया के सामने खुलकर कहा कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की.यह आरोप सामने आते ही जिलेभर में हलचल मच गई.
मीडिया कवरेज पर भी पुलिस की बदसलूकी
घटना की खबर मिलने पर जब स्थानीय पत्रकार महिला थाने में कवरेज करने पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने पत्रकारों के साथ भी धक्का-मुक्की की.एसडीओपी प्रभात शुक्ला और महिला थाने के स्टाफ ने कथित तौर पर मीडिया कर्मियों को धकेल दिया। इससे आक्रोशित पत्रकार थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। इसके बाद एसडीओपी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी.
मुख्यमंत्री ने हटाए एसपी
जैसे-जैसे मामले ने तूल पकड़ा, प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की.मुख्यमंत्री ने कटनी एसपी अभिजीत रंजन को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने के निर्देश दिए.इस निर्णय की जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से दी। उन्होंने कहा कि लोकसेवा में इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और इसीलिए एसपी को हटाया गया है.
घटना ने राज्य पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.जहां एक ओर पुलिस आमजन की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी निभाती है, वहीं दूसरी ओर अपने ही विभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी के परिवार के साथ इस प्रकार का व्यवहार पूरी व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है.