सिंगरौली के जंगल में बाघिन का शव मिलने से हड़कंप, वन विभाग पर उठे सवाल

सिंगरौली में बाघिन का मिला शव, संजय टाइगर भी पहुंची मौके पर

सिंगरौली :  वन परिक्षेत्र माड़ा के बीट रौंदी जंगल में बाघिन का शव मिलने से वन विभाग में सनसनी फैल गई है .बाघिन की मौत किन परिस्थितियों में और कैसे हुई? इसको लेकर जिले के डीएफओ, एसडीओ के लेकर अन्य वन अमला तलाश में जुटा हुआ है. गौरतलब हो कि बीते बुधवार की रात से फीमेल टाइगर्स के दस्तक देने का सुराग मिलते ही साजापानी समेत कई गांव में हड़कम्प मच गया और ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन कर्मियों को दिया था.

Advertisement

इस दौरान सीधी जिले के संजय टाइगर दुबरी भुईमाड़ रेंज से क्रॉस कर बाघिन माड़ा परिक्षेत्र के डोंगरी व लंघाडोल क्षेत्र में लोकेशन मिला था. वन रेंजर माड़ा ने फौरन संजय टाइगर वन अमले को अवगत कराते हुए 5 अलग-अलग दल गठित कर सभी परिक्षेत्र सहायकों को प्रभारी बनाते हुए रेंज स्तर पर मानिटरिंग करने लगे.

जहां संजय टाइगर टीम ने संयुक्त रूप से ट्रैकिंग और गश्ती करते हुए नजर रख रही थी. बाघिन को कॉलर आईडी भी लगी हुई थी. वन कर्मी लगातार गस्त कर रहे थे। फिलहाल माड़ा परिक्षेत्र में बाघिन का लोकेशन मूवमेंट के मिलने से गांव के लोग दहशत में थे. अभी तक बाघिन किसी प्रकार की जनहानि नही पहुंचायी थी.

वही डोंगरी व पाडोल वन क्षेत्र में बाघिन को मूवमेंट मिलने से साजापानी समेत कई गांव के लोग दहशत थे। वही रेंजर ने जंगल के आसपास के गांव में मुनादी कराते हुए लोगों को जागरूक करते हुये आसपास के इलाको में लोगों को सतर्क करते हुये सलाह दिया गया था कि शाम के वक्त घरो के बाहर न निकले.

लगातार वन अमला बाघिन को तलाशने के लिए लगा हुआ था। वही इसी बीच पता चला कि संजय टाइगर रिजर्व से माड़ा जंगल में पहुंची बाघिन अभी आसपास के जंगलों में विचरण कर रही थी। बाघिन के गले में लगी कॉलर आईडी से मूवमेंट का लोकेशन अपडेट्स हो रहा था. लोकेशन के आधार पर ही वन विभाग व टाइगर रिजर्व की टीमें निगरानी कर रही हैं। वन विभाग ने उसका लोकेशन रौदी में टेस किया था.

लेकिन पिछले तीनों दिनों से बाघिन का कोई मूवमेंट न होने से वन अमला सख्ती में आ गया और बीट रौंदी के जंगल में तलाश शुरू कर दिया. जहा बाघिन का संदिग्ध परिस्थतियों में शव मिलने से वन अमले में हड़कंप मच गया. पाँच अलग-अलग वन अमले की टीमों ने शव के पास पहुंच इसकी जानकारी डीएफओ और एसडीओ एनके त्रिपाठी, रेंजर हर्षित मिश्रा को दी गई. जहां बाघिन के शव को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है.

 

वन विभाग की लापरवाही आई सामने

पिछले बुधवार की देर शाम अभ्यारण्य दुबरी के भुईमाड़ जंगल से भटक कर माड़ा वन परिक्षेत्र के डोंगरी व लंघाडोल के जंगल में आईडी के माध्यम से लोकेशन मिला था और उसकी चहल कदमी वन परिक्षेत्र के रौंदी जंगल में हुआ था. इस दौरान बाघिन का लोकेशन लेने एवं सुरक्षित दुबरी जंगल में वापस भेजने के लिए वन विभाग की पाँच अलग-अलग टीमे लगी हुई थी.

लेकिन आरोप लग रहा है कि वन विभाग की टीम सही सलामत बाघिन को दूसरी अभ्यारण्य के जंगल में नहीं भेज पाई, बल्कि बाघिन का शव मिला है. जिसको लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं की आखिरकार वन विभाग की पाँच टीमे क्या कर रही थी. केवल सड़क पर ही घूम रहे थे और यदि कहीं शिकारी बाघिन के मौत के कारण बने तो वन विभाग की टीम की कार्यप्रणाली सवालों के कटघरे में घिर जाएगा.

Advertisements