रतनपुर वन परिक्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्र में एक जंगली हाथी के पहुंचने से इलाके में हड़कंप मच गया है। यह हाथी फिलहाल कटघोरा वनमंडल के पाली रेंज अंतर्गत कोड़ार के कक्ष क्रमांक 101 और रतनपुर के बानाबेल सर्किल बॉर्डर क्षेत्र में सक्रिय है। वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मौके पर अपनी टीम रवाना कर दी है और निगरानी तेज कर दी गई है।
यह हाथी सरगुजा की ओर से लगातार जंगलों के रास्ते विचरण करते हुए अब रतनपुर रेंज की सीमा तक पहुंच गया है। हालांकि अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन वन विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी सतर्कता बरत रहा है।
हाथी को लेकर लगातार बना हुआ है खतरा
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह हाथी अकेला है और भोजन-पानी की तलाश में आबादी के नजदीक पहुंच गया है। ऐसे में खतरा बना हुआ है, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में घुस आने की स्थिति में अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर के एसडीओ और रतनपुर के रेंजर की संयुक्त टीम को अलर्ट पर रखा गया है। क्षेत्र में लगातार पैट्रोलिंग की जा रही है और हाथी की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। हाथी की मौजूदगी की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया है। हालांकि वन अमले ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। हाथी के पास जाने की भूल न करें। विभाग का कहना है कि वे स्थिति को संभालने और हाथी को सुरक्षित जंगल की ओर वापस भेजने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
गांव में मुनादी कर सतर्क रहने की दी गई सलाह
हाथी आने की सूचना देने के लिए वन विभाग की ओर से गांव-गांव में मुनादी कराई जा रही है। इसमें ग्रामीणों को कहा जा रहा है कि वे रात के समय अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और खेतों या जंगल के किनारे न जाएं। वन विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जैसे ही हाथी सुरक्षित रूप से जंगल की ओर लौटता है, ग्रामीणों को सूचित किया जाएगा। तब तक सभी को सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है।
भोजन व पानी की तलाश में पहुंचने की संभावना
वन विभाग का कहना है कि यह कोई असामान्य स्थिति नहीं है। गर्मी और बरसात के मौसम में अक्सर जंगली हाथी भोजन और पानी की तलाश में जंगल छोड़कर मानव बस्तियों की ओर रुख कर लेते हैं। ऐसे में विभाग पहले से ही सतर्कता बरतता है। फिलहाल राहत की बात यह है कि स्थिति नियंत्रण में है और वन विभाग ने हर जरूरी कदम उठाते हुए क्षेत्र को सुरक्षित रखने की कोशिशें तेज कर दी हैं। साथ ही ग्रामीणों से सहयोग करने की अपील की गई है ताकि किसी भी संभावित हादसे से बचा जा सके।