अमेठी में निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत से मचा हड़कंप, परिजनों ने किया हंगामा

Uttar Pradesh: अमेठी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा एक बार फिर उजागर हुई, जब एक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला और उसके नवजात की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर तीन लाख रुपये वसूल लिए, लेकिन समय पर सही इलाज नहीं किया गया, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान चली गई.

घटना मुंशीगंज रोड स्थित फायर स्टेशन के पास एक निजी अस्पताल की है, जहां भगनपुर निवासी श्रीराम यादव अपनी गर्भवती पत्नी उषा देवी को मंगलवार शाम प्रसव पीड़ा होने पर लेकर आए थे। रातभर इलाज चलता रहा, लेकिन बुधवार तड़के उषा देवी और उसके नवजात की मौत हो गई.

मृतका के भाई राजकुमार यादव का आरोप है कि बहन की हालत गंभीर होने के बावजूद डॉक्टरों ने लापरवाही बरती और मौत छुपाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने पहले 2 से ढाई लाख रुपये लिए और बाद में रेफर कर दिया। जब मुंशीगंज अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने कहा कि महिला की मौत तो पहले ही हो चुकी थी.

घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल में हंगामा किया। लोगों का कहना है कि अब अमेठी में एक मां और उसके नवजात की जान की कीमत महज तीन लाख रह गई है। यह सवाल न सिर्फ चिकित्सा व्यवस्था पर, बल्कि मानवता पर भी एक गहरा धब्बा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिए टीम भेजी गई है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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