देश या यूं कहें मुंबई से 12,438 किलोमीटर दूर हो रही एक हड़ताल की वजह से देश की एयरलाइन कंपनियों की सांसे फूलनी शुरू हो गई हैं. वास्तव में ये हड़ताल दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट मेकर्स में से एक बोइंग में चल रही है. जिसके पास देश की एयरलाइंस जैसे अकासा, स्पाइसजेट एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्लेन बनाने के ऑर्डर हैं. इस हडताल की वजह से एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन काफी डिस्टर्ब हो गया है.
जानकारी के अनुसार बोइंग कंपनी के कांट्रैक्ट ऑफर को रिजेक्ट करने के बाद हजारों बोइंग कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर चले गए, जो 16 वर्षों में बोइंग में पहली हड़ताल थी. यह व्यवधान तब आया है जब बोइंग सेफ्टी क्राइसिस के बाद हवाई जहाज का प्रोडक्शन बढ़ाना चाहता है. साथ ही उम्मीद है कि सिएटल एरिया में ऑपरेशन बंद हो जाएगा, जहां बोइंग के अधिकांश कमर्शियल विमानों के निर्माण होते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि इससे संभावित रूप से कंपनी की पहले से ही खराब सप्लाई चेन में और ज्यादा मुश्किलें पैदा होंगी.
लाइव मिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका असर भारत में एयरलाइंस इंडस्ट्री पर महसूस होने की उम्मीद है. अकासा एयर, एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट जैसी भारतीय एयरलाइनों को इस तरह के व्यवधानों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें विमान की डिलीवरी में देरी और विस्तार और वित्तीय लाभ के संभावित अवसर चूकना शामिल है. हड़ताल की अवधि अनिश्चित बनी हुई है, हालांकि बोइंग और यूनियन दोनों के जल्द ही बातचीत पर लौटने की उम्मीद है.
हड़ताल का भारत पर असर
अकासा एयर के पास डिलीवरी के लिए कुछ विमान तैयार हैं और हाल ही में उसे अपना 25वां विमान मिला है, जो फरवरी 2024 के बाद से वित्तीय वर्ष की उसकी पहली डिलीवरी है. इस विमान को प्राप्त करने में देरी से एयरलाइन को अपने नियोजित विस्तार को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है और उसे उम्मीद है कि वह दीवाली के पीक समय से पहले डिलीवरी पूरी कर लेगी. इसके अलावा, देरी की वजह से कई के नुकसान एयरलाइन को उठाने पड़ सकते हैं.
वहीं एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी इस हड़ताल होने वाली संभावित देरी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया की सहायक एयरलाइन ने अक्टूबर 2023 तक 15 महीनों में 50 विमानों को शामिल करने की योजना की घोषणा की थी. 11 महीनों में 30 से अधिक विमानों को पहले ही शामिल किया जा चुका है, शेष दर्जन भर विमान हड़ताल से प्रभावित हो सकते हैं. यह देरी एयर इंडिया एक्सप्रेस को अगले साल जनवरी के मिड तक 50 विमानों के अपने लक्ष्य को पूरा करने से रोक सकती है. लाइव मिंट ने कहा, हालांकि एयरलाइन अकासा एयर की तुलना में सेल्स और लीजबैक इनकम के बारे में कम चिंतित हो सकती है.
देश की बड़ी एयरलाइन कंपनियों में शुमार स्पाइसजेट भी इस हड़ताल से प्रभावित हो सकती है. एयर कैरियर ने MAX विमान के लिए काफी ऑर्डर इिए हैं, लेकिन मौजूदा समय में वह नई डिलीवरी लेने की हालत में नहीं है, जिसकी अहम वजह फाइनेंशियल प्रोब्लम है. लो कॉस्ट वाली एयरलाइन ने बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण पट्टेदारों द्वारा पहले ही अपने बेड़े से कई मैक्स विमान हटा दिए हैं और वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. लाइव मिंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि हड़ताल के कारण विमान की डिलीवरी में देरी से वेट लीज की मांग बढ़ सकती है, जिससे लागत बढ़ेगी और अप्रत्यक्ष रूप से स्पाइसजेट पर असर पड़ेगा.
हड़ताल का क्या है स्टेटस
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को लिखे एक ईमेल में बोइंग के नए सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने चेतावनी दी कि हड़ताल से उनकी शेयर्ड रिकवरी खतरे में पड़ सकती है और कस्टमर्स के साथ कायम विश्वास को नुकसान पहुंच सकता है. इस हड़ताल में अनुबंध के अंतर्गत आने वाले 33,000 श्रमिकों में से अधिकांश शामिल हैं, जिनका प्रतिनिधित्व इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मशीनिस्ट्स एंड एयरोस्पेस वर्कर्स के डिस्ट्रिक्ट 751 ओर से किया जाता है. बोइंग की सबसे बड़ी इस यूनियन में मुख्य रूप से सिएटल एरिया में कमर्शियील हवाई जहाजों पर काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं, पोर्टलैंड, ओरेगॉन में अतिरिक्त सदस्य हैं, जो कि स्मॉल डिस्ट्रिक्ट W24 द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है. यूनियन बोइंग के 1,70,000 से अधिक कर्मचारियों के ग्लोबल वर्कफोर्स के लगभग 20 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है.