ग्रेटर नोएडा की ईको विलेज-2 सोसायटी में सोमवार की दोपहर से ही हाहाकार मचा है. यहां 50 से अधिक लोग बीमार हो गए हैं. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. यह सभी लोग सोसायटी की टंकी से सप्लाई होने वाला पानी पीकर बीमार पड़े हैं. इन सभी लोगों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने मरीजों की हालत को देखते हुए जरूरत के मुताबिक कई लोगों को भर्ती कर लिया है. वहीं कुछ लोगों को जरूरी दवाएं देकर और कुछ को एहतियात बरतने की हिदायत देकर घर भेजा है. डॉक्टरों के मुताबिक सोसायटी में यह स्थिति दूषित पानी पीने की वजह से बनी है.
सोसायटी वासियों के मुताबिक दो दिन पहले यहां टंकी की सफाई हुई थी. इसके लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन टंकी में डाला गया केमिकल पूरी तरह से साफ किए बिना इस टंकी में पानी भर दिया गया और यही पानी घरों में सप्लाई भी कर दिया गया. इधर, यह पानी जिस किसी ने पीया, बीमार होता चला गया. देखते ही देखते नौबत यहां तक आ गई कि 50 से अधिक लोग बीमार हो गए. यह सभी लोग इलाज के लिए पास के डॉक्टर की क्लीनिक पर पहुंचे. महज आधे घंटे के अंदर ही इस क्लीनिक में मरीजों की लंबी कतार लग गई. मरीजों का दबाव इतना बढ़ गया कि डॉक्टर रात में 12 बजे तक भी सभी मरीजों को ठीक से चेक नहीं कर पाए थे.
सभी को हो रहीं उल्टियां, दस्त से परेशानी
सोसायटी वासियों के मुताबिक वैसे तो मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन इनमें 4 बच्चों की हाल नाजुक है. उन्हें फिलहाल अस्पताल में ही भर्ती किया गया है और डॉक्टरों की सघन निगरानी में उनका इलाज किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस सोसायटी के ज्यादातर लोगों में कॉमन समस्या है. सभी को उल्टियां हो रही हैं और लोग दस्त की समस्या से पीड़ित है. सभी लोगों में डिसेंट्री के लक्षण नजर आ रहे हैं. फिलहाल डॉक्टरों ने लक्षण के हिसाब से इलाज शुरू किया है. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों के अलावा कई वयस्क लोगों की भी हालत खराब है.
सोसायटी में बढ़ी बोतलबंद पानी की डिमांड
सोसायटी में हालात खराब होते देख सभी लोगों ने बाहर से पानी मंगा कर पीना शुरू कर दिया है. चूंकि अचानक से पानी की डिमांड बढ़ी है, ऐसे में सोसायटी में पानी पहुंचाने वाले वेंडर की भी पानी पहुंचाते पहुंचाते हालत खराब हो गई है. वेंडर के मुताबिक हर फ्लैट में दो से तीन बोतल की सप्लाई की जा रही है. सोसायटी वासियों के मुताबिक खरीदे हुए पानी के अलावा खाना बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है. हालात ऐसे बन गए हैं कि इस सोसायटी के लोग शासन और प्रशासन से तत्काल मेडिकल मदद और पानी की व्यवस्था करने की गुहार लगाई है.