पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले, दावा है कि खुफिया एजेंसियों ने टेररिस्ट द्वारा टूरिस्ट्स को टारगेट करने की चेतावनी दी गई थी. खुफिया इनपुट की मानें तो श्रीनगर में ज़बरवन पर्वत के पास होटलों में ठहरे टूरिस्ट इस अटैक का टारगेट हो सकते थे. इस खुफिया जानकारी के बाद इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, और सुरक्षाबलों ने चौकसी भी बढ़ा दी थी. मसलन, कश्मीर में पहले भी बाहरी लोगों को निशाना बनाया गया था, जिससे सुरक्षाबल चौकस थे
पिछले साल अक्टूबर के दौरान सोनमर्ग के गागनीर में एक निर्माण स्थल पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सात लोग मारे गए थे. तभी से इलाके में सुरक्षा बलों की गश्ती बढ़ाई गई थी. ये इलाका ज़बरवन के दूसरे साइड पर पड़ता है. हालिया इनपुट के बाद, दो सप्ताह के लंबे ऑपरेशन के बाद भी सुरक्षा बलों को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली थी और 22 अप्रैल को ऑपरेशन बंद कर दिया गया. उसी दिन पहलगाम क्षेत्र में पर्यटकों पर हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई.
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भी आतंकियों ने रची थी साजिश!
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि, आतंकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले महीने हुई श्रीनगर यात्रा के दौरान अपने नापाक इरादों को अंजाम देना चाहते थे, जब उन्होंने कटरा से श्रीनगर के लिए पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. पकिस्तान भी इस अपकमिंग रेलवे लिंक से खुश नहीं है, जो कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ेगा. इसी के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी की एक कश्मीर यात्रा 19 अप्रैल के लिए शेड्यूल थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से उनकी इस यात्रा को रद्द कर दिया गया था.
आतंकियों ने क्यों किया पहलगाम में टूरिस्ट्स को टारगेट?
पहलगाम के हमले के पीछे का मकसद लोगों में डर फैलाना और संभावित रूप से देश के अन्य हिस्सों में कश्मीरियों के खिलाफ बदले की भावना से हमले करवाना था, लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की त्वरित कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार ने भी अन्य राज्य सरकारों को निर्देश जारी किया कि वे अपने-अपने राज्यों में कश्मीरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
मसलन, अब तक की जानकारी से पता चला कि दो स्थानीय आतंकी पहले ही पर्यटकों के साथ घुलमिल गए थे, और इसी बीच गोलीबारी शुरू हो गई, और फिर पता चला कि दो पाकिस्तानी आतंकी भी उसमें शामिल हो गए. इस आतंकी हमले के बाद तलाशी अभियान के दौरान हथियारों की बरामदगी से सुरक्षाबलों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है.
सर्च अभियान में नाटो ग्रेड के राइफल्स की बरामदगी से बढ़ी चिंता
सर्च अभियानों के दौरान एम-सीरीज राइफल्स, स्नाइपर राइफल्स और आर्मर पियर्सिंग बुलेट्स जैसी उन्नत हथियार बरामद किए गए थे, जो अफगानस्तान में नाटो सैनिकों द्वारा छोड़े बताए ज रहे हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बैसरन के क्षेत्र में पर्यटन की मंजूरी न मिलने की अफवाहों का खंडन किया और बताया कि क्षेत्र हर साल खुला रहता है, सिवाय अमरनाथ यात्रा के समय या अधिक बर्फबारी के दौरान इसे बंद किया जाता है.
पर्यटन को पीस इंडेक्स मानना खतरनाक!
अधिकारियों ने चेतावनी दी कि जम्मू और कश्मीर में पर्यटन को सिर्फ पीस इंडेक्स मानने का चलन खतरनाक हो सकता है, जैसा कि पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने किया था. मसलन, पर्यटन को सामान्य स्थिति की वजह बताए जाने के बाद टूरिस्ट्स को निशाना बनाया गया था, जिसमें चार पर्यटक मारे गए थे और छह घायल हो गए थे. ये हमला गुजरात के पर्यटकों के बस पर हुआ था.