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टाटानगर के पूजा पंडालों में एकाएक छाया सन्नाटा, रतन टाटा के निधन से गम में डूबा जमशेदपुर

भारत के दिग्‍गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन बुधवार की शाम को हो गया. उन्‍होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्‍पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा 86 साल के थे. पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी. इससे देशभर में शोक की लहर है. वहीं खास झारखंड के जमशेदपुर की बात करें तो यहां रतन टाटा के देहांत की खबर ने मानो पूरे शहर को खामोश कर दिया है.

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 जमशेदपुर में रतन TATA के देहांत की बात जैसे ही लोगों को मालूम हुई तो लोग सड़कों पर निकल कर टाटा स्टील के प्लांट के गेट के पास पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि देने लगे. फिलहाल,कंपनी परिसर को बन्द कर दिया गया है. नवरात्रि के दौरान लोग उजाला घूमने निकले थे लेकिन रतन टाटा की मौत ने उन्हें स्तब्ध कर दिया. शहर के पूजा पंडालों में एकदम से सन्नाटा छा गया .पूजा कमिटी के लोगों ने अपने अपने पंडालों में गीत संगीत, भजन, स्पीकर्स को पूरी तरह बंद कर दिया और रतन टाटा के लिए दो मिनट का मौन भी रखा.

बता दें कि जमशेदपुर के विकास में रतन टाटा का बड़ा योगदान रहा है. रतन टाटा ने टाटा समूह को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.

निधन के बाद फिलहाल रतन टाटा के पार्थिव शरीर को कोलाबा स्थित उनके घर ले जाया गया है और परिवार के सदस्य भी अस्पताल से चले गए हैं. उनके पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा. ये वही जगह है जहां साइरस मिस्त्री का अंतिम संस्कार किया गया था.

गौरतलब है कि अरबपति कारोबारी और बेहद दरियादिल इंसान रतन टाटा 86 साल के थे, 28 दिसंबर 1937 को उनका जन्म हुआ था. वे साल 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे और इस दौरान उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचाया.

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