Quick Commerce सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, यही वजह है कि ब्लू-कॉलर वर्कर्स की डिमांड भी बढ़ने लगी है. आने वाले समय में ब्लू कॉलर जॉब्स में और भी ज्यादा वृद्धि होने का अनुमान है. जॉब मैचिंग एंड हायरिंग प्लेटफॉर्म इंडीड के अनुसार, भारत में 2027 तक 2.4 मिलियन (लगभग 24 लाख) ब्लू कॉलर जॉब्स की डिमांड का अनुमान है.
इंडीड इंडिया के सेल्स हेड शशि कुमार ने कहा कि क्विक कॉमर्स कंपनियों ने फेस्टिव शॉपिंग और ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पिछली तिमाही में 40,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा था. जैसे-जैसे इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है वैसे-वैसे स्किल्ड और सेमी-स्किल्ड वर्कर्स को लेकर मांग बढ़ रही है.
सर्वे में कहा गया है, भारत की अलग-अलग इंडस्ट्री में 24.3 लाख ब्लू-कॉलर वर्कर्स की आवश्यकता होगी और इनमें अकेले क्विक कॉमर्स क्षेत्र में ही पांच लाख नए रोजगार आएंगे. अध्ययन में कहा गया है कि पीक सीजन के दौरान, कुछ कंपनियां कर्मचारियों को बोनस का लाभ देती हैं तो वहीं, कुछ कंपनियां अपने वर्कर्स को स्मार्टफोन और रेफरल रिवॉर्ड जैसे बेनिफिट्स ऑफर करती हैं.
इन लोगों की है सबसे ज्यादा डिमांड
फेस्टिव सीजन के दौरान क्विक कॉमर्स कंपनियां वेयरहाउस एसोसिएट्स, डिलीवरी ड्राइवर, मार्केटिंग, पैकेजिंग वर्कर्स और लॉजिस्टिक्स जैसे कामों को संभालने वाले लोगों की भर्तियां करती हैं.
क्या होची है Blue Collar Jobs, समझें?
ब्लू-कॉलर जॉब्स का मतलब यहां उन लोगों से है जो शारीरिक श्रम करते हैं, इन रोल्स के लिए औपचारिक शिक्षा के बजाय शारीरिक श्रम, हैंड्स ऑन ट्रेनिंग और अनुभव की आवश्यकता होती है.
कितनी मिलती है मंथली सैलरी?
ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि वाकई क्विक कॉमर्स सेक्टर में लाखों नौकरियां आती हैं या नहीं. इनडीड द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, डिलीवरी करने वाले लोगों और रिटेल स्टाफ सहित इन पदों के लिए औसत मासिक आधार वेतन लगभग 22,600 रुपये है.