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Indian Railways: भारतीय रेलवे में होंगे बड़े बदलाव, 160 किलोमीटर की रफ़्तार से दौड़ती नजर आएगी ट्रेनें

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे प्रमुख खंडों पर ट्रेनों की गति 130-160 किलोमीटर प्रति घंटा (किमी प्रति घंटा) तक बढ़ाने के अपने प्रयासों में लगातार लगी हुई है. रेलवे अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि इससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में यात्रा का समय कम हो जाएगा. ट्रेनों की गति बढ़ाने के बारे में बताते हुए रेलवे बोर्ड के निदेशक (P&I) शिवाजी मारुति सुतार ने ईटीवी भारत को बताया, ‘कुछ प्रमुख खंडों में गति बढ़ाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है. आगरा रूट (दिल्ली से मुंबई) और पश्चिमी रेलवे के मुंबई से सूरत रूट पर काम पहले ही पूरा हो चुका है.

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रेलवे अधिकारी के मुताबिक, रेलवे नेटवर्क में चरण दर चरण विभिन्न रूटों पर स्पीड अपग्रेडेशन का काम किया जाएगा. सुतार ने कहा, ‘नासिक और भुसावल मार्ग के बीच काम किया जा रहा है. गति बढ़ाने का काम कई अन्य क्षेत्रों में भी किया जाएगा’.

एक बार ट्रेनों की गति 160 किमी प्रति घंटे तक अपग्रेड हो जाने के बाद, यह कई ट्रेन यात्रियों के लिए समग्र यात्रा अनुभव में सुधार करेगा. इससे उनका समय बचेगा, खासकर लंबी दूरी के रेल उपयोगकर्ताओं के लिए. गौरतलब है कि उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक सौभान चौधरी ने इस सप्ताह विकास कार्यों की समीक्षा की थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ट्रेनों की गति पर ध्यान केंद्रित करना जोन की प्राथमिकता है और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए.

रेलवे के अनुसार, ट्रेनों की गति को 130-160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए विभिन्न मार्गों पर व्यवहार्यता अध्ययन और अन्य संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. वर्तमान में ट्रेनों की गति एक समान नहीं है. विकास कार्यों के बारे में बताते हुए सुतार ने कहा, ‘इस परियोजना में कई काम शामिल हैं जैसे बुनियादी ढांचे का उन्नयन, ट्रैक नवीकरण या नए ट्रैक बिछाना, मौजूदा पुलों को मजबूत करना और मार्गों पर सिग्नलिंग प्रणाली में सुधार करना’.

इस गति वृद्धि परियोजना की अनुमानित लागत के बारे में पूछे जाने पर सुतार ने कहा कि अभी इसके बारे में कहना मुश्किल है, क्योंकि विभिन्न जोन और विभाग इस काम में शामिल हैं. रेलवे नेटवर्क पर ट्रेनों की चलने की गति ट्रैक के प्रकार, सिग्नलिंग और रोलिंग स्टॉक के प्रकार सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है. गति बढ़ाने के काम के बारे में प्रकाश डालते हुए उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे, पटरियों और सिग्नलिंग प्रणाली को अपग्रेड कर रहा है. रोलिंग स्टॉक का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है.

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