भोपाल। प्रदेश में नर्सिंग फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद नर्सिंग काउंसिल विद्यार्थियों की उपस्थिति को भी दुरुस्त करने जा रही है। सभी कॉलेजों के लिए लोकेशन आधारित उपस्थिति अनिवार्य की जाएगी। हाई कोर्ट के निर्देश पर कॉलेजों की जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय समिति ने इसकी अनुशंसा की थी। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू करने की तैयारी है।
फर्जी उपस्थिति दिखाने के मिल चुके हैं प्रमाण
बता दें, अधिकतर कॉलेजों की जांच में विद्यार्थियों का नाम सिर्फ रजिस्टर में ही मिल रहा था। मध्य प्रदेश ही नहीं बिहार व दूसरे राज्यों के विद्यार्थी प्रवेश लेते थे। वह सिर्फ परीक्षा देने के लिए आ रहे थे। कॉलेजों के बिना मापदंड संचालित होने का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद अब उपस्थिति में भी सख्ती की जा रही है। निर्धारित प्रतिशत में उपस्थिति दर्ज नहीं होने पर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।
आधार आधारित सत्यापन व्यवस्था प्रारंभ की गई
यह भी बता दें कि नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी की फर्जी उपस्थिति पर रोक के लिए भी आधार आधारित सत्यापन व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसमें ओटीपी के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। एक कॉलेज में फैकल्टी के रूप में पंजीकृत होने के बाद दूसरे कॉलेज में सत्यापन नहीं हो पाएगा।