हर महीने में कुछ ना कुछ नियमों में बदलाव होता रहता है, जिसके मद्देनजर अगले महीने से भी कुछ बदलाव हो रहा है. अक्टूबर से कुछ ऐसे नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिसमें ज्यादातर टैक्स से जुड़े हुए हैं. आधार कार्ड (Aadhaar Card) से लेकर इनकम टैक्स (Income Tax) को लेकर 6 बड़े बदलाव 1 अक्टूबर से होने जा रहे हैं. इन सभी बदलाव का ऐलान केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण (FM Nirmala Sitharaman) ने किया था.
बजट 2024 (Union Budget 2024) में निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स को लेकर कुछ बदलाव का ऐलान किया था. इसमें से कुछ बदलाव अभी प्रभावी हैं तो कुछ ऐसे भी बदलाव हैं, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी होने वाले हैं. इन बदलावों में Aadhaar card, STT, TDS रेट, डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024 हैं.
1. डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम
डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होने वाली है. यह स्कीम पेडिंग टैक्स विवाद को सुलझाने का मौका देती है. पेंडिंग टैक्स अपीलों को निपटाने के लिए इसे शुरू में 2020 में पेश किया गया था. विवाद से विश्वास योजना 22 जुलाई, 2024 तक विवादों को सॉल्व करने से संबंधित है. इसके तहत वे टैक्सपेयर्स आते हैं, जिनका उच्च न्यायालयों या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष टैक्स, ब्याज, दंड या शुल्क से संबंधित विवाद चल रहे हैं.
इस योजना के तहत दी जाने वाली निपटान राशि भुगतान के समय पर निर्भर करती है. जो टैक्सपेयर 1 अक्टूबर, 2024 और 31 दिसंबर, 2024 के बीच निपटान का विकल्प चुनते हैं, उन्हें विवादित टैक्स राशि का पूरा भुगतान करना होगा या विवादित ब्याज, जुर्माना या शुल्क का 25% भुगतान करना होगा. हालांकि, जो व्यक्ति 31 दिसंबर, 2024 के बाद निपटान करना चाहते हैं, उन्हें विवादित कर राशि का 110% या ब्याज, जुर्माना या शुल्क का 30% भुगतान करना होगा.
2. आधार कार्ड
केंद्रीय बजट 2024 में आधार संख्या के बजाय आधार नामांकन ID का उल्लेख करने की अनुमति देने वाले प्रावधान को बंद करने का प्रस्ताव किया गया है. इस फैसले का लक्ष्य पैन के दुरुपयोग और दोहराव को समाप्त करना है. 1 अक्टूबर, 2024 से व्यक्ति अब पैन आवंटन के लिए आवेदन पत्र और अपने आयकर रिटर्न में अपने आधार नामांकन ID का उल्लेख नहीं कर पाएंगे.
बजट के अनुसार, अधिनियम की धारा 139AA के तहत 1 जुलाई, 2017 से प्रभावी पैन आवेदन पत्र और आयकर रिटर्न में आधार संख्या का उल्लेख करने के लिए पात्र व्यक्तियों की आवश्यकता होती है.
3. सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)
वायदा और विकल्प (F&O) ट्रेडिंग पर लागू सिक्योरिटी लेनदेन कर (STT) 1 अक्टूबर, 2024 से बढ़ने वाला है. खासतौर से इक्विटी के फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) के लिए टैक्स की रेट्स क्रमशः 0.02% और 0.1% तक बढ़ जाएंगी. इसके अलावा, शेयर बायबैक से मिले इनकम पर अब लाभार्थियों की टैक्स योग्य आय के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा. इसके अलावा, विकल्प बिक्री पर STT प्रीमियम के 0.0625% से बढ़कर 0.1% हो जाएगा.
4. फ्लोटिंग TDS रेट्स
साल 2024 के बजट में सोर्स पर टैक्स कटौती (TDS) के संबंध में एक महत्वपूर्ण अपडेट किया गया था, खासकर केंद्र और राज्य सरकार के बॉन्ड से संबंधित, जिसमें फ्लोटिंग रेट बॉन्ड भी शामिल हैं. 1 अक्टूबर, 2024 से यह प्रभावी होगा, जिसके तहत बॉन्ड पर 10% का टीडीएस लागू होगा. इसके अलावा, नए टीडीएस विनियमन में फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड शामिल हैं. अगर साल के अंदर मिले राजस्व 10,000 रुपये से कम है, तो टीडीएस नहीं काटी जाएगी. टीडीएस केवल तभी काटा जाएगा जब आय 10,000 रुपये की सीमा को पार कर जाएगी.
5. TDS रेट्स
धारा 19DA, 194H, 194-IB और 194M के तहत भुगतान के लिए TDS की रेट्स कम कर दी गई हैं. इन धाराओं के लिए पहले 5% की जगह अब कम की गई दरें 2% हैं. इसके अलावा ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए TDS की दर 1% से घटाकर 0.1% कर दी गई है.
धारा 194DA – जीवन बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान
धारा 194G – लॉटरी टिकटों की बिक्री पर कमीशन
धारा 194H – कमीशन या ब्रोकरेज
हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) द्वारा किराए के भुगतान के संबंध में धारा 194-IB
नामित व्यक्तियों या HUF द्वारा कुछ राशियों के भुगतान के संबंध में धारा 194M
म्यूचुअल फंड यूनिट फिर से खरीदने या UTI से संबंधित भुगतानों पर धारा 194F के तहत 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होने की उम्मीद है.
6. शेयर बायबैक
1 अक्टूबर से शेयर बायबैक के टैक्सेशन के संबंध में एक नया नियम लागू होगा. अब शेयरधारक बायबैक इनकम पर टैक्स का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होंगे, जो डिविडेंड के टैक्सेशन पर लागू होगा. यह परिवर्तन कंपनियों से टैक्स का बोझ शेयर होल्डर्स पर ट्रांसफर करेगा, जो बायबैक रणनीतियों को महत्वपूर्ण तौर से प्रभावित करेगा.