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‘ये वो लोग हैं जिनके पूर्वज पिछड़े वर्ग को बुद्धू कहते थे…’ अनुराग ठाकुर ने किया राहुल गांधी पर हमला

संसद में जाति वाले बयान पर राजनीति गरम है. इस बीच, बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने एक बार फिर कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोला है. अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी के बयान का हवाला दिया और पूछा कि राहुल गांधी बताएंगे कि उनके पिता की नजरों में पिछड़ा वर्ग बुद्धू था? क्या कांग्रेस, राजीव गांधी के जातिवादी बयान की निंदा करेगी या बयान के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास किया जाएगा?

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संसद में बजट सत्र पर चर्चा चल रही है. दो दिन पहले बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने जातिगत जनगणना की मांग पर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा, जिनकी जाति का पता नहीं है, वो गणना की बात करते हैं. अनुराग की इस टिप्पणी पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने आपत्ति जताई. उसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अनुराग पर अपमान करने का आरोप लगाया. यह विवाद संसद से सड़क तक आ गया. बयानबाजी तेज हो गई और विपक्ष ने बीजेपी पर हमले शुरू कर दिए.

आरक्षण देने के नाम पर बहाने बनाते थे…

गुरुवार को एक बार फिर बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर हमला बोला. अनुराग ने कहा, कुछ लोगों को मेरे भाषण से उनके सेंस ऑफ एंटाइटेलमेंट को गहरी चोट लगी है. जिसका असर हुआ कि पूरे इकोसिस्टम ने चीख-पुकार मचानी शुरू कर दी है. इन्हें लगता है कि सवाल पूछने का हक सिर्फ इन्हें है, क्योंकि ये विशेषाधिकार है. ये वही लोग हैं, जिनके पूर्वज पिछड़ों, दलितों और वंचितों को बुद्धु कहा करते थे. जो दूसरे को बुद्धू कहा करते थे, आज उन्हीं के घर में बुद्धुओं की भरमार है. ये वही लोग हैं, जिनके पूर्वज दलितों, आदिवासियों को समानता का अधिकार ना देने के बहाने बनाते थे. ये वही लोग हैं, जिन्हें लगता था कि कैसे उनके सामने कोई दलित व्यक्ति कोट पैंट पहनकर खड़ा हो सकता है और संविधान लिख सकता है?

 

‘आरक्षण के नाम पर बुद्धुओं को बढ़ावा नहीं देंगे’

अनुराग का कहना था कि मैं किसी को बुद्धू नहीं कह रहा. बुद्धू तो कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने कहा था. वो भी सार्वजनिक रूप से. सांच को आंच क्या? राहुल गांधी जी और पूरी कांग्रेस यह बयान पढ़ ले कि राजीव गांधी ने कहा था कि आरक्षण के नाम पर बुद्धुओं को बढ़ावा नहीं देंगे. अनुराग ने उस अखबार का हवाला भी दिया, जिसमें ये बयान प्रकाशित हुआ था. अनुराग ने कहा, 3 मार्च 1985 को लखनऊ एडिशन में यह इंटरव्यू आया था.

‘क्या कांग्रेस उस बयान की निंदा करेगी?’

अनुराग ने कहा, बात निकली है तो दूर तक जाएगी. क्या अब राहुल गांधी बताएंगे कि उनके पिता की नजरों में पिछड़ा वर्ग बुद्धू था? क्या कांग्रेस राजीव गांधी के इस जातिवादी बयान की निंदा करेगी या बयान के खिलाफ कोई प्रस्ताव पास किया जाएगा? जो लोग आज तक लेगेसी की मलाई खाते आ रहे हैं, आज उनके मुंह में सवाल की खटाई पड़ गई तो झूठ बोलकर जगहंसाई करवा रहे हैं. अनुराग ने कहा, जब जवाहर लाल नेहरू से पूछा गया कि दलित-आदिवासियों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जा रहा है तो उन्होंने बहाना बना दिया कि आरक्षण देने से उनके मन में हीन भावना आ जाएगी, इसलिए उन्हें आरक्षण नहीं दे रहे हैं. नेहरू जी ने तो अपने सारे मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर बता दिया था कि वो किसी भी प्रकार के आरक्षण के खिलाफ हैं. इंदिरा गांधी की भी यही नीति रही.

जाति विवाद पर क्या बोली कांग्रेस?

बताते चलें कि सड़क से संसद तक जाति का मुद्दा हावी रहा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस बहस को आगे बढ़ाया और कहा कि ‘लोकसभा में ये सब हुआ और नॉन बायोलोजिकल प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा.’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना इस देश के 80 फीसदी लोगों की मांग है, लेकिन भरी संसद में कहा गया कि जिनकी जाति का पता नहीं है वे गणना की बात करते हैं.’ कांग्रेस प्रवक्ता श्रीनेत ने कहा, आप राहुल गांधी की जाति जानना चाहते हैं, जिसके परदादा इस देश की आज़ादी के जंग के दौरान साढ़े नौ साल जेलों में रहे? किसके दादा ने इस देश पर अपनी उम्र खपा दी? जिसकी दादी और पिता ने इस देश के लिए शहादत दी? जिनकी मां लांछन सुनकर भी इस देश के लिए समर्पित हैं? और खुद राहुल गांधी? उनके सामने खड़े रहने की न तो आपकी नैतिक हैसियत है और न कद.

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