मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में ‘अमृत स्नान’ के दौरान हुए दुखद हादसे ने 30 लोगों की जान ले ली. हादसा कई परिवारों को जिंदगी भर का गम दे गया. रात में भीड़ का अत्याधिक दबाव और इसी बीच भगदड़ होने से हालात बेकाबू हो गए. समय रहते स्थिति पर कंट्रोल किया गया और हालात को जैसे-तैसे काबू किया. प्रशासन के लिए अब महाकुंभ में बसंत पंचमी पर चौथा ‘अमृत स्नान’ चुनौती भरा है, इसके लिए क्या तैयारियां की गईं हैं? आइए 10 पॉइंट्स में समझते हैं कि भीड़ को कंट्रोल करने के लिए महाकुंभ प्रशासन ने क्या-क्या इंतजाम किए हैं.
भगदड़ हादसे के बाद महाकुंभ मेले के लिए स्पेशल अधिकारियों को प्रयागराज बुला लिया गया है. 2019 में आयोजित हुए कुंभ में अपनी सेवाएं दे चुके प्रयागराज में मंडल आयुक्त रहे यूपीपीसीएल के अध्यक्ष आशीष गोयल और इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी रहे भानु चंद गोस्वामी को व्यवस्थाएं देखने के लिए महाकुंभ भेजा गया है.
बसंत पंचमी पर करेंगे सभी अखाड़े स्नान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बसंत पंचमी पर अमृत स्नान को लेकर सुरक्षा व सुविधा से जुड़े हर एक बिंदु पर फोकस करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं. बसंत पंचमी पर महाकुंभ के चौथे अमृत स्नान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे. वहीं, इसी दिन सभी अखाड़े भी अमृत स्नान करेंगे. क्योंकि मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद अखाड़ा परिषद ने स्नान को रद्द कर दिया था. ऐसे में बसंत पंचमी के लिए महाकुंभ मेला प्रशासन बड़ी तैयारी के साथ व्यवस्थाओं को संभालेगा.
एक्सपर्ट अधिकारियों की स्पेशल ड्यूटी
प्रयागराज महाकुंभ में 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर ‘अमृत स्नान’ को लेकर वरिष्ठ अधिकारी मेला क्षेत्र में डेरा डाल रहे हैं. एक्सपर्ट अधिकारियों को भी स्पेशल ड्यूटी दे दी गईं हैं. मौनी अमावस्या पर ‘अमृत स्नान’ के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ पहुंचे, जिससे दुखद हादसा हो गया. ऐसी भयावह स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो इसके लिए मेला प्रशासन एक-एक कदम सुरक्षा की दृष्टि से सख्त उठा रहा है. प्रशासन की जो तैयारियां हैं उसके 10 प्लान कुछ इस तरह हैं.
1- स्पेशल अधिकारियों की तैनाती: महाकुंभ मेला की व्यवस्थाएं बेहतर रहें इसके लिए स्पेशल अधिकारियों को 12 फरवरी तक तैनाती की गई है. इनमें कुंभ-2019 के समय प्रयागराज में बतौर मंडलायुक्त सेवा दे चुके आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी समेत विशेष सचिव स्तर के 5 अधिकारी शामिल हैं.
2-सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा: गुरुवार यानी आज मुख्य सचिव और डीजीपी घटना की समीक्षा करेंगे साथ ही बसंत पंचमी पर होने वाले ‘अमृत स्नान’ को लेकर महाकुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे.
3-नो-व्हीकल जोन घोषित: हादसे के बाद पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी.
4-होल्डिंग एरिया:महाकुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ के दबाव को रोकने के लिए होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं. इन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में बनाया गया है.
5- बिजली-पानी और खाने की सुविधा: जहां होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, वहां श्रद्धालुओं को रोके जाने पर उनके लिए खाना, पानी और बिजली की बेहतर व्यवस्था की गई है.
6- VVIP पास रद्द: मेला क्षेत्र में अब VVIP पास रद्द किए गए हैं. अब मेला क्षेत्र में किसी भी विशेष पास के जरिए कोई भी वाहन को एंट्री नहीं दी जाएगी.
7-रास्ते किए वन-वे: बसंत पंचमी को देखते हुए शहर में 4 फरवरी तक चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है. वहीं, रास्तों को वन-वे किया गया है. स्नान के लिए श्रद्धालु जिस रास्ते आएंगे दूसरे से वापस जाएंगे.
8- पड़ोसी राज्यों के माल वाहक वाहनों पर रोक: महाकुंभ में भारी -भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए पड़ोसी राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और एमपी के माल वाहक वाहनों को 31 जनवरी की सुबह तक यूपी के सीमावर्ती जिलों जैसे सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया गया है.
9- सवारी वाहनों पर रोक: मौनी अमावस्या पर हुए हादसे को देखते हुए अब प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले सवारी वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है.
10-डिजिटल खोया-पाया केंद्र: महाकुंभ मेला में 10 डिजिटल खोया पाया केंद्र बनाए गए हैं, इनको और ज्यादा सुगम किया गया है, वहीं शिकायत या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है.