दमोह: जिले के संग्रामपुर में बारिश का मौसम आते ही सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है। यहां सैकड़ों फीट ऊंचाई से गिरने वाले झरने प्रदेशभर के सैलानियों को अपनी ओर खींचता है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाला यह क्षेत्र आज समुद्र जिले की पहचान बन गया है, जहां बारिश के मौसम के इंतजार में सैलानी बैठे रहते हैं। समिति जिला जबलपुर और कटनी से प्रतिदिन सैलानी यहां घूमने आ रहे हैं। वहीं, हटा ब्लॉक में आने वाले भदभदा वाटर फाल जिसे मिनी भेड़ाघाट कहते हैं। उसका भी अपना अलग ही महत्व है। यहां चारों ओर चट्टानों से गिरता सफेद पानी जबलपुर के भेड़ाघाट की तरह दिखाई देता है।
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
दमोह जिले के सिग्रामपुर के भैंसाघाट में 168 फीट की ऊंचाई से गिर रही जलधारा अपनी नैसर्गिक सुंदरता से सबका मनमोह लेती है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व का यह निदान वॉटरफॉल झरना बारिश होते ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। मानसून में यहां की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी पहुंच रहे हैं। दमोह जिला मुख्यालय से करीब 52 किमी और सिग्रामपुर से 8 किमी दूर प्रकृति की गोद में पहाड़ों के बीच सुरम्य वादियों में यह झरना बहता है। सैंकड़ों फिट ऊंचाई से जलधारा गिरती है जो अथाह गहराई में समा जाती है।
हजारों फिट ऊंचाई से दिखता है जंगल
इसी स्थान पर नजारा प्वाइंट है जहां हजारों फिट की ऊंचाई से पूरे टाइगर रिजर्व का जंगल दिखाई देता है। इसके साथ ही समीपी जिले जबलपुर की लाइटों की चकाचौंध भी यहां से दिखाई देती है। यह एक बहुत बड़ा सेल्फी प्वाइंट है, जहां खड़े होकर लोग घनघोर जंगल के बीच अपनी फोटो लेते हैं।
सिंगोरगढ़ का किला
वैसे तो रानी दुर्गावती की राजधानी सिंगौरगढ़ के किले को घूमने प्रतिदिन ही लोग आते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में यहां सैलानियों की संख्या बढ़ जाती है। जिस प्रकार से रानी ने यहां कई निर्माण कराए, वह देखते बनते हैं।