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Chanakya Niti: महिलाओं की ये आदतें क्लेश से भर देती हैं जिंदगी, इन उपायों से खत्म होंगी दूरियां!

आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ में महिलाओं की कई ऐसी आदतें बताई हैं जिनकी वजह से घर में कलह-क्लेश फैला रहता है. महिलाओं की कुछ आदतें ही पति की जिंदगी क्लेश से भर देती हैं. क्लेश जीवन का एक हिस्सा है और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रूप से हो सकता है. कुछ आदतें, चाहे वो किसी की भी हों नकारात्मक परिणाम लाती हैं और रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती हैं. अगर महिलाएं अपने पति के दुख में साथ नहीं देती है तो उनकी जीवन क्लेश से घिरा रहता है.

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महिलाओं की अक्सर दूसरों की चुगली करने की आदत होती है वे बहुत नकारात्मक मानी जाती हैं, उनकी संगत आपके जीवन में भी नकारात्मकता ला सकती है. इसलिए चुगली करने वाले महिलाओं से जितनी जल्दी हो दूरी बना लें इसी में लोगों की भलाई है. इसके अलावा महिलाओं को किसी दूसरे की चुगली नहीं करनी चाहिए.

छल कपट से दूर रहें महिलाएं

आचार्य चाणक्य के अनुसार, पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा छल कपट करती हैं. अपने इसी अवगुण की वजह से कई बार उन्हें मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है. यहां तक कि अपनी बुरी आदतों के कारण पति से भी दूरियां बना लेती हैं. इसलिए महिलाओं को कभी भी घर परिवार में छल कपट नहीं करना चाहिए.

लोभ करना अच्छी बात नहीं

जीवन में किसी भी चीज का लोभ होना, एक बुरी आदत होती है. चाणक्य का मानना था कि आदमी के मुकाबले औरतों के अंदर ज्यादा लोभ होता है. धन, सोना, हीरा और वस्त्र आदि चीजों का लोभ महिलाओं में ज्यादा होता है. कभी भी उनका मन इन चीजों से नहीं भरता है और लोभ वाली स्थिति में बने रहने के कारण घर में तनाव पैदा हो जाता है और पति के साथ झगड़े भी होने लगते हैं. महिलाएं घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए कभी भी लोभ न करें.

स्वार्थ के कारण आ सकती है दिक्कतें

आज के समय में ज्यादातर महिलाओं को अपना काम निकालना आता है. वो हर एक परिस्थिति में से अपने आप को आसानी से निकाल लेती हैं. हालांकि उनका यह गुण कुछ परिस्थितियों में अवगुण भी बन जाता है. अपने स्वार्थ के कारण उन्हें न चाहते हुए भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसे दोस्तों से दूरी बनाकर रखने के लिए कहा है जो आपका साथ, बुरे समय में नहीं देते हैं. सुख में सब साथ रहते हैं लेकिन, जो दुख की घड़ी में साथ देता है वही सच्चा मित्र कहलाता है.

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