हाल ही में हार्ट अटैक के मौत के आंकड़ों के अनुसार आई है. वहीं पूरी दुनिया में हर दिन 3 में से 1 मौत दिल की बीमारी की वजह से हो रही है. इन दिनों हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसी कंडीशन काफी ज्यादा बढ़ रही है. वहीं हार्ट अटैक का खतरा बेकार खानपान, लाइफस्टाइल और बिना एक्सरसाइज के ज्यादा बढ़ रहा है. अगर हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री है या डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से कोई जूझ रहा है तो फिजिकली फिट रहने पर भी उसे हार्ट अटैक आ सकता है, जिससे उसकी जान जा सकती है. वहीं काफी सारे लोगों की हार्ट अटैक आने के बाद भी मौत नहीं होती है. आइए आपको इसके पीछे का कारण बताते है.
इन लोगों की बचती है जान
हार्ट अटैक में जिन लोगों को CPR दिया जाता है. उनकी जान बचाई जा सकती है. वहीं CPR का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन एक लाइफ सेविंग टेक्नीक है. जिसका इस्तेमाल दिल का दौरा पड़ने पर किया जाता है. वहीं अगर इंसान की दिल की धड़कन बंद हो जाए, तो दूसरे लोग उन्हें सीपीआर देते है, ताकि उनकी लाइफ बच जाएं.
CPR से जान कैसे बच सकती है
डॉक्टर के मुताबिक सीपीआर देने से पेशेंट को सांस लेने में मदद मिलती है. हार्ट और ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. कई मामलों में सीपीआर से जान बच सकती है. इससे इलाज के लिए वक्त मिल जाता है. एक आंकड़े के मुताबिक, सीपीआर देने से 10 में से 4 लोगों की जान बच सकती है.
इन लोगों को हार्ट अटैक के बाद मौत का खतरा कम
जो लोग गेंहू की रोटी की बजाय बाजरा, ज्वार या रागी या इनका आटा मिलाकर रोटी खाने वालों को खतरा कम होता है.
आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाने वाले और पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाने वाले.
हफ्ते में कम से कम 5 दिन 45 मिनट तक एक्सरसाइज करने से.
वजन और मोटापा कंट्रोल रखने वाले.
जल्दी सोने और जल्दी उठने की सही रुटीन, 7 घंटे की नींद बेहद जरूरी.
धूम्रपान-अल्कोहल से दूरी बनाकर हार्ट अटैक से बचा जा सकता है.
हार्ट का चेकअप करवाने वालों को भी हार्ट अटैक का रिस्क कम रहता है.