पाकिस्तान में चैंपियंस ट्र्रॉफी का आगाज हो गया है और मेजबान टीम ने अपना पहला मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला. हालांकि क्रिकेट फैंस अपने ही देश की टीम का मैच देखने के लिए भी मैदान तक नहीं पहुंचे और कराची का स्टेडियम खाली रहा. इसे लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और सरकार की काफी आलोचना भी हो रही है. लेकिन सबकी नजर अब 23 फरवरी को होने वाले भारत-पाकिस्तान के महामुकाबले पर हैं जो दुबई में होना है.
दुबई जाने के लिए मारामारी
पाकिस्तानी अपने घरेलू मैदान पर मैच देखने भले ही न जा रहे हों लेकिन भारत के खिलाफ मैच देखने के लिए टिकट और वीजा की होड़ मची हुई है. ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी तादाद में पाकिस्तान और बाकी देशों में रहने वाले पाकिस्तानी, भारत के खिलाफ होने वाला मैच देखने के लिए दुबई जाना चाहते हैं लेकिन उनके सामने बहुत बड़ी समस्या है.
पहले तो ऑनलाइन बिक्री शुरू होते ही करीब एक घंटे में ही इस मैच के सभी टिकट बिक चुके थे. कुछ लोग किस्मत वाले रहे जिन्हें टिकट मिल पाई. लेकिन अब उन्हें यूएई का वीजा हासिल करने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं. क्रिकेट फैंस टिकट हासिल करने के बाद वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं लेकिन उन्हें दुबई जाने के लिए यूएई का वीजा नहीं मिल पा रहा है. कुछ फैंस ने बताया कि सुबह में वीजा के लिए आवेदन किया और शाम को बिना कोई वजह बताए एप्लीकेशन को खारिज कर दिया गया.
वीजा के आवेदन हो रहे खारिज
कुछ क्रिकेट फैंस तो ऐसे थे जिन्होंने ऑनलाइन वीजा आवेदन रद्द होने के बाद ई-मेल और फोन के जरिए दूतावास से संपर्क करने की भी कोशिश की. हालांकि वहां भी इनके हाथ निराशा ही लगी और कोई जवाब नहीं मिला. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों से लोग यूएई वीजा के लिए अप्लाई कर रहे हैं लेकिन वर्किंग वीजा के अलावा उन्हें टूरिस्ट वीजा की मंजूरी नहीं मिल रही है
रिपोर्ट के मुताबिक यूएई के अधिकारियों ने हाल ही में देश में आने वाले पाकिस्तानियों की जांच बढ़ा दी है. क्योंकि उन पर अपराध और भीख मांगने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं. सरकार ने यूएई आने वाले सभी पाकिस्तानी यात्रियों की सघन जांच और वैरिफिकेशन करने के निर्देश जारी कर रखे हैं. इसे लेकर ट्रैवल एजेंटों को भी गाइडलाइन जारी की गई हैं.
भीख मांगने और अपराध में शामिल
यूएई की कमेटी ने देश में आने वाले पाकिस्तानियों को वर्किंग वीजा देने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है. लेकिन इसके बावजूद टूरिस्ट वीजा हासिल करने में काफी मुश्किल आ रही है. यूएई सरकार को आशंका है कि विजिट वीजा पर आने वाले पाकिस्तानी यहां आकर भीख मांगते हैं और इससे सरकार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. दूसरी ओर पिछले साल नवंबर में जियो न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कराची में यूएई के राजनायिक बख़ीत अतीक अलरेमीथी ने खुलासा किया था कि नेगेटिव सोशल मीडिया गतिविधियों की वजह से पाकिस्तानियों का वीजा रद्द किया जा सकता है.
दरअसल, पाकिस्तान से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और सऊदी अरब जैसे देशों में जाने वाले लोगों को बारे में लगातार शिकायत मिली थीं. ऐसे देशों में जाकर पाकिस्तानियों पर भीख मांगने के अलावा तस्करी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे थे. इसके बाद से इन देशों ने पिछले साल हजारों पाकिस्तानी नागरिकों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया और पाकिस्तान ने भी शक के आधार पर अपने देश में ऐसे लोगों को रोका है, जो विदेश जाना चाहते थे.