संसद में मेज तोड़ने आए हैं… विपक्ष के प्रदर्शन पर बोले स्पीकर ओम बिड़ला

संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों द्वारा लगातार किए जा रहे हंगामे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नाराज़गी जताई है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कांग्रेस की नई पीढ़ी के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और देश देख रहा है कि सदन में किस तरह का आचरण हो रहा है।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक ऐतिहासिक और गरिमा पूर्ण राजनीतिक दल के सांसद होकर भी सदन में तख्तियां लाना और मेजें थपथपाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सदन बहस और संवाद के लिए है, न कि शोरगुल और प्रदर्शन के लिए।

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प्रश्नकाल की अहमियत को समझें सांसद

ओम बिड़ला ने सदन में मौजूद सांसदों को याद दिलाया कि प्रश्नकाल जनता के महत्वपूर्ण सवालों से जुड़ा होता है। उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों को बहुत प्रयासों के बाद सवाल पूछने का मौका मिलता है, लेकिन बार-बार हंगामे की वजह से उनका मौका भी बाधित होता है, जो संसदीय गरिमा के अनुकूल नहीं है।

लोकतंत्र की छवि को नुकसान

लोकसभा स्पीकर ने यह भी कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और ऐसी हरकतों से लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि खराब होती है। उन्होंने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी सवाल किया कि क्या वे अपने सांसदों को तख्तियां लाकर नारेबाजी करने की ही शिक्षा देते हैं?

तख्तियां लेकर संसद नहीं चलेगी

ओम बिड़ला ने स्पष्ट किया कि तख्तियां लेकर आने से संसद की कार्यवाही नहीं चल पाएगी। उन्होंने कहा कि सांसदों को जनता ने सवाल पूछने और बहस करने के लिए चुना है, न कि मेज तोड़ने के लिए। उन्होंने यह भी कहा कि सदन की कार्यवाही पर जनता के करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, इसलिए सभी सांसदों को इसकी मर्यादा बनाए रखनी चाहिए।

लगातार हो रहे हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। मानसून सत्र की शुरुआत से ही यह लगातार चौथा दिन था जब विपक्षी हंगामे के कारण संसद में कोई ठोस कामकाज नहीं हो सका।

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