तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ई.के.पलानीस्वामी की आलोचना करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या कल्याणकारी योजनाओं का नाम उनके नाम पर रखा जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि वह पद के लिए ‘कॉकरोच’ की तरह रेंग रहे हैं.
पलानीस्वामी ने आरोप लगाया है कि सरकार दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नाम पर बनाई गई योजनाओं के लिए धन आवंटन कर रही है जबकि वे लोगों के लिए उपयोगी नहीं हैं. स्टालिन ने कहा कि विपक्षी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) प्रमुख की टिप्पणी झूठ का पुलिंदा है.
पलानीस्वामी के बयानों में झलकता है अहंकार- स्टालिन
स्टालिन ने दिवंगत द्रमुक नेता करुणानिधि के नाम से चल रहे कलैगनार सेंटरी लाइब्रेरी, कलैगनार जल्लीकट्टू अखाड़ा, चेन्नई में एक अस्पताल और महिलाओं के लिए 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता योजना सहित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि इनमें से ऐसी कौन सी पहल लोगों के लिए उपयोगी नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलानीस्वामी के ऐसे बयानों में उनका अहंकार झलकता है और केवल इसी अहंकार की वजह से तमिलनाडु की जनता उनकी पार्टी को हराएगी. उन्होंने कहा कि करुणानिधि ने 80 वर्षों तक तमिल लोगों के लिए संघर्ष किया और कल्याणकारी योजनाओं का नाम ऐसे नेता के नाम पर रखना उचित होगा, जिन्होंने अपना जीवन लोगों और राज्य के लिए समर्पित कर दिया.
‘तमिलों के दिलों में बसे हैं करुणानिधि’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘क्या योजनाओं का नाम आपके नाम पर रखा जा सकता है? (पलानीस्वामी) आप पद की खातिर ‘कॉकरोच’ की तरह रेंगते रहे. कलैगनार (करुणानिधि) एक ऐसा नाम है जो तमिलों के दिलों में बसा हुआ है और यह तमिलनाडु के इतिहास की एक अपरिहार्य पहचान है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें करुणानिधि के नाम पर कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने पर उन्हें गर्व है.
सत्ता और पद की खातिर पलानीस्वामी पर ‘रेंगने’ का आरोप सत्तारूढ़ डीएमके का एक बार-बार दोहराया जाने वाला आरोप है. इसमें दिसंबर 2016 में पार्टी सुप्रीमो जे जयललिता की मौत के बाद पलानीस्वामी द्वारा पूर्व अंतरिम एआईएडीएमके महासचिव वीके शशिकला के सामने दंडवत करने का संदर्भ दिया जाता है.