दिल्ली के शाहदरा में दीपावली की रात जहां पटाखों की आवाज गूंज रही थी वहां पल भर में रोने और चीखने की आवाज गूंजने लगी थी. इलाके में मातम पसर गया. दरअसल, गुरुवार को एक परिवार अपने घर के बाहर दिवाली मना रहा था जब दो हथियारबंद लोग आए और एक 40 साल के शख्स और उसके 16 साल के भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं शख्स का 10 साल का बेटा घायल हो गया.
पुलिस ने वारदात के कुछ देर बाद ही नाबालिग आरोपी को पकड़ लिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने बताया कि उसी ने इस कत्ल की साजिश रची थी. उसी ने शूटर हायर किया था, और मौका देखकर दीवाली की रात पहचान करवाने के बाद शूटर से गोली चलवाई.
‘मेरा ही भतीजा है हत्या का मास्टरमाइंड’
इधर, मृतक आकाश के भाई और ऋषभ के पिता योगेश ने बताया है कि वारदात के वक्त वो घर की पहली मंजिल पर थे. उन्होंने कहा- हमले के वक्त मैं घर पर ही था,खाना खा रहा था. हमलावर हमारा रिश्तेदार ही है. मास्टरमाइंड मेरा ही भतीजा लगता है. वह मेरे ताऊ के बेटे का बेटा है. वह आया उसने मेरे भाई के पैर छूए और फिर उसको मरवा दिया. मेरे बेटे ने अपने चाचा के हमलावरों को पकड़ना चाहा तो उसे भी मार दिया. योगेश ने दावा किया कि हमने हमलावर को पैसे उधार दिए थे और अब हम उसे वापस मांग रहे थे.उन लोगों की नियत बदल गई तो ये सब कर डाला.हमले का मास्टरमाइंड मेरा भतीजा नाबालिग है और वो इसी चीज का फायदा उठाता है.
‘ये लोग हमारा खून ले गए…’
योगेश ने आगे कहा- मेरा बच्चा खत्म हो गया और भाई के लड़के का ऑपरेशन चल रहा है. ये लोग हमारा खून ले गए, पता नहीं क्यों मार दिया हमारे बच्चों को? हमलावर पहले भी मेरे बच्चों को फंसवाना चाहते थे और अब मेरे बच्चों को मार डाला. मेरी कोई तो सहायता करे, हम कैसे परिवार चलाएंगे.
मृत आकाश पर पहले से 6 मामले दर्ज
इधर, पुलिस सूत्रों की बात करें तो खुद मृत आकाश के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे संगीन धाराओं के तहत करीब छ: मामले दिल्ली के थानों में दर्ज हैं जिनमें गैंबलिंग एक्ट की धारा भी शामिल है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आकाश के भाई योगेश के खिलाफ भी 14 मामले दर्ज हैं.
क्या हुआ था दिवाली की रात?
दिवाली पर हुए इस हमले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें पीले कुर्ते में 40 साल के आकाश और उनका 16 साल का भतीजा ऋषभ गली में चटाई बम जलाने जा रहे हैं.वहीं उनका 10 साल का बेटा कृष दरवाजे पर खड़ा होकर ये सब देख रहा है. इतने में दो लोग स्कूटी से आते हैं और स्कूटी पर बैठा शख्स आकाश के पांव छूकर आशीर्वाद लेता है. दूसरा शख्स स्कूटी से उतरकर खड़ा है. वह अचानक कमर से बंदूक निकालता है और आकाश पर गोली चला देता है. दरवाजे के भीतर एक गोली कृष को भी लगती है. वहीं पटाखा जला रहा ऋषभ जब तक कुछ समझ पाता तब तक स्कूटी सवार भागने लगते हैं. ऋषभ उनके पीछे भागता है तो वे उसे भी गोली मार देते हैं और निकल जाते हैं.