उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शादी-विवाह के फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाला गैंग पकड़ा गया है. प्रयागराज पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बरामद किए हैं. गैंग के पास से कई मैरिज सर्टिफिकेट कंप्यूटर में भी पाए गए हैं. यह पूरा काम प्रयागराज के कैंट इलाके में अजय इंटरप्राइजेज नाम के साइबर कैफे से चल रहा था. इस बारे में पुलिस को सूचना मिली थी.
सूचना के आधार पर पुलिस ने जब छापेमारी की तो शेषमणि दुबे उर्फ राजा और अनिल प्रजापति नाम के व्यक्ति मौके पर मिले. दोनों से पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो सारी कहानी का खुलासा हो गया. पूछताछ में ये भी पता चला है कि पिछले काफी दिनों से ये लोग फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाने का काम कर रहे थे. पुलिस ने दोनों के कब्जे से तीन मॉनिटर, 3 सीपीयू, तीन की बोर्ड और दो प्रिंटर बरामद किए हैं.
डीसीपी सिटी अभिषेक भारती के मुताबिक, इस गिरोह के संबंध में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका को लेकर जांच की जा रही थी. इसी दौरान गिरोह को लेकर पुलिस को जानकारी मिली. गहनता से जब पुलिस टीम ने जांच की तो फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाए जाने का खुलासा हुआ. अजय इंटरप्राइजेज के मालिक अजय चौरसिया की भूमिका को लेकर जांच हो रही है. जांच में जो साक्ष्य सामने आएंगे, उसके आधार पर अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई शादीशुदा जोड़ों की तरफ से सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई हैं. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मैरिज सर्टिफिकेट बनाए जाने का खेल चल रहा है. जो मैरिज सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं, उनमें फेक दस्तावेजों का सहारा लिया जा रहा है. शादी करने वाले जोड़ों से मैरिज सर्टिफिकेट के नाम पर 20 से 25 हजार रुपये लिए जा रहे हैं.
बिना जांच के फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं. कई मामलों में फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र सहित नाबालिग लड़कियों के बालिग प्रमाण पत्र बनाए जाने की भी बात सामने आई थी. हाईकोर्ट ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रयागराज पुलिस अधिकारियों को जांच कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया था.