Vayam Bharat

सीनियर सिटीजन के लिए यह बैलेंस डाइट रखेगी बीमारियों को दूर..

बढ़ती उम्र के साथ बैलेंस डाइट का अर्थ भी बदलता रहता है। शरीर की जरूरत उम्र के हिसाब से बदलती रहती है। फैट, प्रोटीन, कार्ब्स और कैलोरी से भरपूर डाइट हम बचपन में खाते हैं, लेकिन बुढ़ापे तक आते-आते ठीक इसके उलट डाइट प्लान बनने लगता है। कुछ लोगों को फैट मना हो जाता है, किसी को प्रोटीन का सेवन कतई न करने की सलाह दी जाती है।

Advertisement

ऐसे में ये समझना कि मुश्किल हो जाता है कि एक सीनियर सिटीजन की बैलेंस डाइट की प्लेट कैसी होनी चाहिए? तो आइए इस मुश्किल को दूर करने के लिए जानते हैं कि असल मे कैसी हो एक सीनियर सिटीजन की बैलेंस डाइट…

इस डाइट को प्लान को कर सकते हैं फॉलो

  • प्लेट को एक रेनबो की तरह सजाएं। लाल, नारंगी, हरे, पीले फल जैसे सेब, केला, संतरा, पपीता और सब्जियां जैसे पालक, मेथी साग, लौकी, आंवला, गाजर, मूली आदि एक पोर्शन जरूर रखें। सुपाच्य सब्जियां खाने पर जोर दें, जिनसे गैस न बनती हो। बैंगन, कच्चे चने और राजमा जैसी चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
  • डाइट में साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, दलिया, मूंग आदि जरूर शामिल हो।
  • ढेर सारी सब्जियों से भरपूर सूप को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे अगर आप किसी कारण सब्जी खाने में असमर्थ हैं तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होगी।
  • लो फैट डेयरी के विकल्प जरूर रखने चाहिए, जिससे मोटापे की समस्या न हो और कैल्शियम की आपूर्ति भी होती रहे।
  • बढ़ती उम्र के साथ पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन बी12 जैसे पोषक तत्वों की जरूरत बढ़ जाती है। इससे मांसपेशियों की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहेगी और हड्डियां मजबूत रहेंगी। हालांकि पोटैशियम का सेवन भी एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
  • इम्यूनिटी बढ़ाने वाले हर्ब्स और मसाले का सेवन जरूर करें।
  • जीरो न्यूट्रीशन वाले फूड्स जैसे चिप्स, बेकरी आइटम, सोडा, शराब का सेवन कतई न करें। अधिक नमक और शुगर से दूरी बनाएं।
  • सैचुरेटेड और ट्रांस फैट रिच फूड्स से दूरी बनाएं। ये अधिकतर नॉन वेज और प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद होते हैं। ये हार्ट पर दबाव डालते हैं, इसलिए एक उम्र के बाद इनके सेवन को बंद कर देना चाहिए। डाइट में ग्रिल्ड फिश और चिकन शामिल कर सकते हैं, क्योंकि ये लीन प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत होते हैं, जिसकी जरूरत इस उम्र में होती है।
Advertisements