पन्ना : टाइगर रिजर्व की जैव विविधता एक बार फिर चर्चा में है पन्ना जिले के दक्षिण वनमंडल क्षेत्र की मोहन्द्रा वन परिक्षेत्र में एक बेहद दुर्लभ जीव हॉर्सहेयर वॉर्म की उपस्थिति पहली बार दर्ज की गई है.
इस जीव को मोतीडोल बीट में ड्यूटी पर तैनात वनकर्मी अरविंद कुमार विश्वकर्मा ने देखा और इसका वीडियो बनाकर वन विभाग को भेजा. वैज्ञानिक रूप से इसे Nematomorpha या हॉर्सहेयर वॉर्म कहा जाता है.यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसका शरीर घोड़े के बाल जैसा पतला और लंबा होता है.
हॉर्सहेयर वॉर्म की जीवन प्रक्रिया बेहद रोचक और वैज्ञानिक दृष्टि से अद्भुत मानी जाती है.ये वॉर्म शुरूआती अवस्था में झिंगुर, टिड्डा या भृंग जैसे कीटों के शरीर में परजीवी के रूप में प्रवेश कर जाते हैं.वहां वे धीरे-धीरे विकसित होते हैं.
जब ये पूरी तरह परिपक्व हो जाते हैं, तो यह कीट के मस्तिष्क को नियंत्रित कर लेते हैं.वे उसे पानी या नम स्थान की ओर ले जाते हैं, जहां ये वॉर्म कीट के शरीर से बाहर निकल आते हैं.इसके बाद वे कुछ समय तक जल या गीली मिट्टी में स्वतंत्र रूप से रहते हैं और फिर प्रजनन की प्रक्रिया शुरू करते हैं.
हॉर्सहेयर वॉर्म को जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य का संकेतक माना जाता है.इनका मिलना दर्शाता है कि उस क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन बेहतर है.
जब इसका वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेजा, तो पता चला ये हॉर्सहेयर वॉर्म है, जो बहुत ही दुर्लभ होता है.
दक्षिण वनमंडल ने इस खोज को लेकर ग्रामीणों को जागरूक करने का फैसला किया है.वीडियो के माध्यम से लोगों को यह बताया जा रहा है कि यह जीव इंसानों के लिए हानिकारक नहीं है और इसे लेकर किसी भी तरह की अफवाह फैलाने से बचें.
पन्ना के जंगलों में इस तरह की खोजें न केवल जैव विविधता की समृद्धि को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं कि हमारे वनकर्मी सतर्क और जागरूक हैं.