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बच्चों के गले और टॉन्सिल को प्रभावित कर सकती है यह बिमारी, डिप्थीरिया का टीका लगाना जरूरी

डिप्थीरिया (गलघोंटू) एक संक्रामक बीमारी है जो बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के कारण होती है। यह किसी को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन बिना टीकाकरण वाले बच्चों में यह सबसे आम है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। इससे बचाव और बच्चों को डिप्थीरिया का टीका लगाना जरूरी है.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि डिप्थीरिया के कीटाणु, बच्चों की श्वसन नली को नुकसान पहुंचाता है और पूरे शरीर में फैल सकता है। सामान्य लक्षणों में बुखार, गले में खरांश और गर्दन की ग्रंथियों में सूजन शामिल हैं.

सीएमओ ने समस्त जनपदवासियों से अपील की है कि इस बीमार से बचाव के लिए बच्चों का समय पर टीका लगवाना सबसे ज्यादा जरूरी है। डिप्थीरिया का टीका पूरी तरह सुरक्षित है और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि इस रोग से बचने के लिए जनसमुदाय को जागरुक किया जा रहा है। रोग के लक्षण आने पर तत्काल अपने गांव की आशा, एएनएम और सीएचओ से सम्पर्क करें तथा नजदीकी सरकारी चिकित्सालय से परामर्श एवं उपचार कराएं.

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने बताया कि गलघोंटू या डिप्थीरिया एक जीवाणु (कोराइन बैवेटरिया डिप्थीरिया) द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है। जो आमतौर पर गले और टान्सिल को प्रभावित करता है। ऐसे बच्चे जिन्होंने डिप्थीरिया का टीकाकरण नहीं करवाया है, उन्हें यह रोग होने की सम्भावना रहती है.

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