झारखण्ड सरकार के प्रतियोगी परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवाएं बंद रखने के फैसले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. राज्य में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने प्रतियोगी परीक्षा के मद्देनजर शनिवार और रविवार को पांच घंटे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के राज्य सरकार के फैसले को अपनी नाकाम व्यवस्था को छिपाने का एक और फरमान बताया.
राज्य सरकार के आधिकारिक सूचना के अनुसार, झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) के दौरान किसी भी गड़बड़ी को रोकने की कवायद में शनिवार सुबह आठ बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित रहेंगी और रविवार को भी इसी अवधि के दौरान सेवाएं स्थगित रहेंगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा था कि उन्होंने परीक्षा की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है और सख्त हिदायत दी है कि किसी भी परिस्थिति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
अभी वरीय अधिकारियों से वार्ता कर कल से आयोजित होने वाली झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय (JSSC CGL) परीक्षा के तैयारियों के संबंध में जानकारी ली एवं उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए।
किसी भी सूरत में किसी भी तरह की कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 20, 2024
बीजेपी ने फरमान बताया
सरकार के इस फैसले पर भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, जब झारखंड सरकार परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था नहीं बना पायी तो उन्होंने पूरे राज्य में 3.5 करोड़ लोगों के लिए इंटरनेट बंद कर दिया. उन्होंने कहा, यह सरकार की नाकाम व्यवस्था को छिपाने का एक और मनमाना फरमान है. यह फैसला दिखाता है कि राज्य सरकार पूरी तरह विफल है.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित करने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इससे लोगों को काफी असुविधा होगी. भाजपा नेता ने कहा यह निर्देश परीक्षा में अनुचित तरीकों को रोकने में झारखंड सरकार की विफलता को दिखाता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में मोबाइल इंटरनेट के साथ ही ब्रॉडबैंड सेवाएं भी निलंबित की गयी हैं.