अमेरिका स्थित एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप (AI Startu) के भारतीय मूल के सीईओ को जान से मारने की धमकियां मिली हैं. ये CEO हैं अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को स्थित कंपनी ग्रेप्टाइल (Greptile) के दक्ष गुप्ता, जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी कंपनी के वर्क कल्चर के बारे में बताना महंगा पड़ा गया, जिसमें उन्होंने सप्ताह में 84 घंटे काम की बात कही, फिर क्या था ये मुद्दा गर्मा गया और लोगों ने उन्हें जान से मारने तक की धमकी (Death Threats) दे डाली.
कंपनी का वर्क कल्चर बताना पड़ा महंगा
अमेरिकी AI Startup ग्रेप्टाइल (Greptile) के CEO दक्ष गुप्ता ने दावा किया है कि उन्हें जान से मारने की कई धमकियां मिली हैं और ये सब उन्हें अपनी कंपनी के वर्क कल्चर का खुलासा करने के बाद मिलीं हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने पारदर्शिता पर जोर देते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट में कंपनी के सप्ताह में 84 घंटे काम और नो वर्क-लाइफ बैलेंस के बारे में बात की थी. ऐसा करके वे चर्चा का विषय बन गए हैं और Social Media पर तीखी बहस शुरू हो गई.
वायरल हो गया CEO का पोस्ट
CEO दक्ष गुप्ता ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘ग्रेप्टाइल में 84 घंटे के वर्क वीक है और यहां घड़ी देर रात तक चलती रहती है, यहां तक कि वीकेंड पर भी यहां कर्मचारी काम करते हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हाल ही में मैंने कंपनी में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को पहले इंटरव्यू के दौरान ही ये बताना शुरू कर दिया कि Greptile में कोई वर्क-लाइफ बैलेंस नहीं है. आम तौर पर हर दिन कर्मचारियों के लिए काम सुबह 9 बजे शुरू होता है और ये रात 11 बजे तक समाप्त होता है. साथ ही हम शनिवार और कभी-कभी रविवार को भी काम लेते हैं. उनका ये ट्वीट तेजी से वायरल हुआ और अब तक इसे 1.6 मिलियन व्यूज मिल चुके थे.
now that this is on the front page of reddit and my inbox is 20% death threats and 80% job applications, here’s a follow up
– to everyone who is overworked and underpaid at their software jobs esp outside the US, i feel for you, and i’m sorry this struck a nerve. the people… pic.twitter.com/RzAM75DiG2
— Daksh Gupta (@dakshgup) November 10, 2024
इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट हाल ही में किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि कंपनी के वर्क कल्चर पर बात करने के बाद उन्हें जान से मारने की कई धमकियां मिली हैं. उन्होंने अपने नए ट्वीट में लिखा कि मेरा इनबॉक्स जान से मारने की धमकी वाले 20 फीसदी मैसेज, जबकि इसमें 80 फीसदी मैसेज नौकरियों के आवेदनों से भरा हुआ है.
लोगों ने बताया- टॉक्सिक वर्क कल्चर
कंपनी में 84 घंटे के वर्क वीक पर सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के बाद तेज बहस शुरू हो गई. रिप्लाई करते हुए कई यूजर्स ने दक्ष गुप्ता की आलोचना की और इसे टॉक्सिक वर्क कल्चर करार देते हुए उनकी मानसिकता को भयानक बताया. लेकिन एक ओर जहां उनकी आलोचना करने वालों की कमी नहीं, तो वहीं दूसरी ओर इस भारतीय मूल के सीईओ की पोस्ट और कंपनी को लेकर पारदर्शिता पर कुछ लोगों ने सराहा भी. हालांकि, उन्होंने लिखा कि जब तक आप कर्मचारियों को उचित पेमेंट कर रहे हैं, तब तक यह ठीक है, नहीं तो यह आधुनिक समय की गुलामी कही जाएगी.