Vayam Bharat

ये स्वदेशी ‘हथियार’ दुश्मन को पानी के अंदर करेगा तबाह, भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत!

भारतीय नौसेना के लिए ऐसे स्वदेशी हथियार तैयार किए जा रहे हैं जो दुश्मन को पानी के अंदर ही खोजकर उन्हें तबाह कर देंगे. इसे ऑटोनॉमस वेपनाइज्ड स्वार्म बोर्ड या अंडरवाटर स्वार्म विसेल कहते हैं. भारत की स्वदेशी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने “वेगा” यूएसवी विकसित किया है, एक ऐसा स्वदेशी हथियार जो अंडरवाटर यानी पानी के अंदर काम करते हैं. रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने भी इस स्वदेशी रूप से विकसित हथियार की खूबियों का जायजा लिया. वेगा एक ऐसा यूएसवी है जिसमें किसी इंसान को बैठने की जरूरत नहीं होती.

Advertisement

इन हथियारों की दो कैटेगरी होती हैं. पहली रिमोट से चलने वाले अंडरवाटर व्हीकल और दूसरे ऑटोमैटिकली अंडरवाटर व्हीकल, यानी खुद से फैसला लेते हैं. इन्हें अंडरवाटर स्वार्म बोट्स या अंडरवाटर सर्फेस विसेल के तौर पर भी जाना जाता है. इसे पानी के भीतर ऑपरेट किया जाता है और इसमें किसी सैनिक को बैठाने की जरूरत नहीं पड़ती है. फिलहाल रिमोटली ऑपरेटेड अंडरवाटर व्हीकल का इस्तेमाल ज्यादा होता है. इसे एक ऑपरेटर कंट्रोल करता है. ये हथियार समुद्र में निगरानी और पेट्रोलिंग के काम आता है. जरूरत पड़ने पर इनसे हमला भी कर सकते हैं.

समुद्र में कई हजार मीटर की गहराई तक पहुंचेगा
बिना चालक दल वाले सतही जहाज, या यूएसवी,नावों की तरह समुद्र की सतह पर घूमते हैं. समुद्र संबंधी और वायुमंडलीय डेटा एकत्र करते हैं. इसे ‘अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन्स’ भी कहते हैं. ‘अंडरवाटर स्वार्म ड्रोन्स’ का वजन कुछ किलो से लेकर कुछ हजार किलों तक हो सकता है. इन ड्रोन्स के जरिए हजारों किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है. साथ ही ये समुद्र में कई हजार मीटर की गहराई तक जा सकते हैं.

इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना करेगी. इनका मकसद इन स्वार्म बोट्स के एक पूरे बेड़े को तैनात करने का है, जो पानी में जाकर पेट्रोलिंग का काम करेंगे. इसके अलावा इनके जरिए समुद्र में होने वाली खुफिया गतिविधियों का भी पता लगाया जा सकेगा. अमेरिका, चीन समेत कई सारे देश इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब भारत भी इस टेक्नोलॉजी का यूज करेगा.

चीन की हरकतों पर रखी जा सकेगी नजर
दरअसल, चीन USV और UUV के मामले काफी अडवांस्ड है. चीनी सेना हिंद महासागर में निगरानी और खोज अभियान के लिए लंबे समय से अंडरवाटर बोट्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है. बड़ी संख्या में इस तरह की बोट्स की तैनाती से चीन को पानी के भीतर ज्यादा बढ़त हासिल होती है. चीन इसके जरिए हिंद महासागर में भारतीय जहाजों की जासूसी भी कर सकता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना भी ‘अंडरवाटर स्वार्म बोट्स’ को हासिल कर रही है, ताकि चीनी जहाजों पर नजर रखी जा सके.

Advertisements