ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद और गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को लेकर बयान दिया है. इसके साथ ही उन्होंने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के जवाब में लगे ‘आई लव महादेव’ के पोस्टरों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है
हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘अगर कोई आई लव यू कहता है, तो इसमें कोई दिक्कत की बात है क्या? लव लिखने पर आखिर समस्या क्या है? यह तो संविधान के आर्टिकल-25 (अपना धर्म मानने, उसके आचरण करने और प्रचार करने की स्वंतत्रता का अधिकार) के तहत हर किसी का अधिकार है. इसमें देश से गद्दारी करने वाली कौन-सी बात है? इसमें हिंसा को बढ़ावा देने वाली कौन सी बात है?’
ओवैसी ने विवाद को लेकर भाजपा पर साधा निशाना
ओवैसी ने इस विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के विवाद को बढ़ा रही है. उन्होंने भाजपा से सवाल किया कि आप दुनिया भर के मुस्लिम देशों और खासकर हमारे पड़ोस में आतंक को बढ़ावा देने वाले देश (पाकिस्तान) को इससे क्या संदेश देना चाहते हैं?’
एक इंटरव्यू में उन्होंने आई लव महादेव के पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘आई लव महादेव लिखने में भी कोई दिक्कत नहीं है, यह उनकी आस्था है. लेकिन इसे लेकर मुसलमानों का सामाजिक बहिष्कार करना गलत है.’
कैसे और कहां से शुरू हुआ यह पोस्टर विवाद?
रअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के जुलूस के रास्ते पर आई लव मोहम्मद का एक लाइटबोर्ड लगाया गया. जिस पर स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया और इससे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. बाद में, इस विवाद को सोशल मीडिया के जरिए जोर दिया गया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #ILoveMuhammad हैशटैग ट्रेंड करने लगा.
गरबा कार्यक्रमों में मुसलमानों के प्रवेश पर बैन लगाने पर बोले ओवैसी
इसके अलावा, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने नवरात्रि के दौरान गरबा कार्यक्रमों के आयोजनों में मुसलमानों के प्रवेश पर बैन लगाए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘गरबा आयोजनों में मुसलमानों को प्रवेश न देने की बात भी सामाजिक बहिष्कार का हिस्सा है. उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (VHP) के उस निर्देश की ओर भी इशारा किया, जिसमें नवरात्रि उत्सवों में सिर्फ हिंदुओं की भागीदारीर सुनिश्चित करने की बात कही गई थी.