सरकार ने अलग मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) के एसेट के माध्यम से 3.85 लाख करोड़ रुपए का सफलतापूर्वक मोनेटाइजेशन किया है. 2021-22 के बजट में सरकार ने केंद्र सरकार और पीएसई की संभावित मुख्य संपत्तियों के मोनेटाइजेशन की योजना की घोषणा की. नीति आयोग द्वारा संबंधित मंत्रालयों के सलाह पर विकसित राष्ट्रीय मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) का लक्ष्य वित्त वर्ष 22 से शुरू होने वाली चार साल की अवधि में संपत्तियों का मोनेटाइजेशन करना है, जिसमें मोनेटाइजेशन के लिए कुल 6 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति निर्धारित की गई है. यानी सरकार की कोशिश 2026 तक 6 लाख करोड़ के टार्गेट को पूरा करने की है.
टार्गेट के बेहद करीब है सरकार
वित्त वर्ष 23-24 तक सरकार ने एनएमपी के पहले दो वर्षों के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा था, जिसमें लगभग 2.30 लाख करोड़ रुपए हासिल किए गए. अकेले वित्त वर्ष 23-24 में 1.8 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य के मुकाबले सरकार ने लगभग 1.56 लाख करोड़ रुपए हासिल किए जो वित्त वर्ष 21-22 की तुलना में 159 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि को दर्शाता है. वित्त वर्ष 23-24 के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा कोयला मंत्रालय व्यक्तिगत मंत्रालयों में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरे, जिन्होंने सामूहिक रूप से 97,000 करोड़ रुपए की संपत्ति का मोनेटाइजेशन किया.
NHAI की बड़ी भूमिका
कुशल निवेश योजना को सुविधाजनक बनाने और मोनेटाइजेशन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वित्त वर्ष 24-25 में मोनेटाइजेशन के लिए निर्धारित 33 संपत्तियों की प्रारंभिक सूची की पहचान की और उसे प्रकाशित किया है. इसके अलावा, NHAI ने बोली प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अपनी वेबसाइट पर पूंजी मूल्य के समतुल्य निवेश (IECV) की गणना करने के लिए उपयोग की जाने वाली व्यापक आर्थिक मान्यताओं का खुलासा किया है.
अलग-अलग मंत्रालयों से जुटाए गए इतने करोड़
NMP के तहत कोयला मंत्रालय की प्रगति से कोयला खनन में निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जिससे ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले के उत्पादन और आपूर्ति में वृद्धि के माध्यम से देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी. कई मंत्रालयों ने वित्त वर्ष 23-24 में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 40,314 करोड़ रुपए, कोयला ने 56,794 करोड़ रुपए, बिजली ने 14,690 करोड़ रुपए, खान ने 4,090 करोड़ रुपए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस ने 9,587 करोड़ रुपए, शहरी विकास ने 6,480 करोड़ रुपए और शिपिंग ने 7,627 करोड़ रुपए जुटाए, सभी ने अपने-अपने लक्ष्य का 70 प्रतिशत पार कर लिया है.