ये है भारत की ताकत… जर्मनी-फ्रांस का बड़ा फैसला, कहा- नहीं करेंगे पाकिस्तानी एयरस्पेस का यूज 

पाकिस्‍तान को एक और करारी चोट लगी है. पाकिस्‍तान द्वारा भारत के लिए एयरस्‍पेस बंद करने के बाद अब दो विदेशी एयरलाइंस ने भी पाकिस्‍तान से मुंह मोड़ लिया है. इन एयलाइंस ने कहा कि वह अब किसी दूसरे रास्‍ते से उड़ान भरेंगे और अपने यात्रियों को सुरक्षित उनके स्‍थान तक पहुंचाएंगे.

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रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस और जर्मनी की एयरलाइंस Air France और Lufthansa ने पाकिस्‍तानी हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने से मना किया है और इस क्षेत्र के लिए अपना परिचालन निलंबित कर दिया है. विदेशी एयरलाइंस का ये फैसला ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इंटरनेशनल एयरलाइंस को पाकिस्‍तानी हवाई मार्ग से बचते हुए देखा गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्‍तान द्वारा हवाई क्षेत्र बंद करने के कारण उसे हर दिन 3 लाख डॉलर रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

इंटरनेशनल एयरलाइंस ने क्‍या कहा?

एयर फ्रांस ने एक बयान में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव (India-Pakistan Tension) के कारण, एयरलाइन ने अगली सूचना तक पाकिस्तान के ऊपर से उड़ानें निलंबित करने का फैसला किया है. इस बीच, लुफ्थांसा ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा कि उसके विमान अगली सूचना तक पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बच रहे हैं.

लुफ्थांसा ने कहा कि इस कदम के उठाए जाने के कारण पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचने से एशिया के कुछ मार्गों पर उड़ानों का समय बढ़ जाएगा. उसने कहा कि वह घटनाक्रम पर नजर रख रहा है. स्थिति के अनुसार फैसला लिया जाएगा. फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि ब्रिटिश एयरवेज, स्विस इंटरनेशनल एयर लाइंस और एमिरेट्स की कुछ उड़ानें अरब सागर से गुजरने के बाद पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचने के लिए उत्तर की ओर दिल्ली की ओर मुड़ रही हैं. लेकिन इन एयलाइंस ने अधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है.

लंबी दूरी और ज्‍यादा लागत

एयर फ्रांस ने कहा कि वह दिल्ली, बैंकॉक और हो ची मिन्ह जैसी जगहों के लिए अपनी उड़ान अनुसूची और उड़ान योजनाओं में बदलाव कर रहा है, जिससे उड़ान का समय बढ़ जाएगा. फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के अनुसार, फ्रैंकफर्ट से नई दिल्ली जाने वाली लुफ्थांसा की उड़ान LH760 को रविवार को लगभग एक घंटा अधिक उड़ान भरनी पड़ी, क्योंकि उसे लंबा रास्ता अपनाना पड़ा.

एयरलाइनों के लिए लंबी दूरी और उच्च ईंधन लागत के अलावा, नए उड़ान मार्गों से पाकिस्तान की ओवरफ्लाइट शुल्क से होने वाली आय में भी कमी आएगी. रॉयटर्स के अनुसार, विमान के वजन और तय की गई दूरी के आधार पर ये शुल्क प्रति उड़ान सैकड़ों डॉलर तक हो सकते हैं.

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