झारखंड से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां एक लड़के को दो-दो पिता अपना बेटा बताने लग गए. पुलिस के भी इस गुत्थी को सुलझाने में पसीने छूट गए.अब बेटे की डीएनए जांच से इस बात का खुलासा होगा कि लड़के के असली पिता आखिर कौन हैं? यहां के गढ़वा जिले के मझिआंव थाना क्षेत्र का ये मामला है. यहां के ढोटी गांव के रहने वाले इस्लाम अंसारी ने मझिआंव थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई थी.
शिकायत में उन्होंने बताया कि उनका बेटा नबी अंसारी 2001 में मजदूरी करने के लिए मुंबई गया था. उसके साथ शंभू विश्वकर्मा, सूनील, हिदायत और सत्यनारायण नाम के लोग भी गए थे. कुछ दिनों के बाद उसके साथ गए सभी साथी वापस लौट आए लेकिन उनका बेटा नबी वापस नहीं आया. उन्होंने उसका काफी इंतजार किया लेकिन वह नहीं लौटा.
सब लौटे… लेकिन बेटा वापस नहीं आया
इस्लाम ने उसके साथ मुंबई गए लोगों से भी पूछताछ की लेकिन नबी का कुछ पता नहीं चला. उन्होंने उसकी खोजबीन जारी रखी. इस इंतजार और खोजबीन में लगभग 23 साल बीत गए. इसी बीच 11 अगस्त 2024 को इस्लाम को सोशल मीडिया से बेटे के बारे में जानकारी मिली. उनको पता चला कि नबी मझियांव थाना के सेमरहत निवासी सत्तार अंसारी के घर पर है. वह सत्तार के घर पहुंचे और नबी को अपना बेटा बताया. लेकिन सत्तार ने भी नबी को अपना बेटा बताया. फिर दोनों में बहस छिड़ गई. इस्लाम ने इस बात की शिकायत मंत्री मिथिलेश ठाकुर के जनता दरबार में भी की. उसने एसपी को भी इस बात के लिए आवेदन दिया.
डीएनए की जांच से होगा खुलासा
मंत्री ने इस्लाम की शिकायत के बाद मामले पर एसपी को जांच के आदेश दिए हैं. इसके बाद पुलिस ने नबी से पूछताछ की. इसके साथ ही नबी को अपना बेटा बताने वाले पिता इस्लाम और उनकी पत्नी को भी बुलाया और पूछताछ की. पुलिस का कहना है कि दोनों ही पक्ष नबी को अपना बता रहे हैं ऐसे में इस केस का फैसला डीएनए की जांच से ही हो पाएगा. फिलहाल पुलिस डीएनए के लिए कोर्ट से पर्मिशन लेगी जिसके बाद आगे की जांच की जाएगी.