किसी भी रिसर्च के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधकर्ता कड़ी मेहनत करते हैं. प्रोजेक्ट कामयाब हो, इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं. अब ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. पेरन रॉस को ही ले लीजिए. उन्होंने डेंगू पर एक विशेष प्रकार की रिसर्च शुरू की है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. उनकी रिसर्च का तरीका बेहद अनोखा, लेकिन साहसी है. क्योंकि, वह खुद को रोजाना सैकड़ों मच्छरों से कटवाते हैं. वायरल हुई क्लिप में उन्हें मच्छरों से भरे कांच के एक बॉक्स में अपने हाथ को डालते हुए देखा जा सकता है.
डॉ. रॉस का कहना है कि वे रोजाना लगभग 500 मच्छरों से अपने हाथ को कटवाते हैं. कभी-कभी यह आंकड़ा 15,000 तक भी पहुंच जाता है. इस दर्दनाक प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि इन मच्छरों के काटने से उन्हें डेंगू होता है या नहीं. वायरल वीडियो में मच्छरों से कटवाने के बाद डॉ. रॉस को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि दुनिया में इससे सुखद एहसास और कुछ नहीं.
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उन्होंने बताया कि रिसर्च की अहम प्रक्रिया के तहत लैब में मच्छरों के अंडों में बैक्टीरिया इंजेक्ट किया जाता है. इस बैक्टीरिया से संक्रमित अंडों से निकले मादा मच्छर डेंगू फैलाने में असमर्थ होते हैं. इसके बाद डॉ. रॉस इन मच्छरों से खुद को कटवाकर यह जांच करते हैं कि क्या वे उससे संक्रमित हुए या नहीं. इस तरह वह यह पता लगाते हैं कि बैक्टीरिया युक्त मच्छर डेंगू फैलाने वाले मच्छरों को रोकने में सक्षम हैं या नहीं.
डेंगू मच्छरजनित एक ऐसी बीमारी है, जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हर साल लगभग 40 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है. इसके कारण लगभग 40,000 लोग अपनी जान गंवा देते हैं. वहीं, चौंकाने वाली बात यह है कि 80 प्रतिशत संक्रमित लोगों में डेंगू के लक्षण दिखाई नहीं देते. जिससे इसे कंट्रोल करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
डॉ. रॉस की यह रिसर्च मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. उनके साहसिक कदम इस दिशा में नई संभावनाओं को जन्म दे सकते हैं.