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भारत में कैंसर को लेकर डराने वाली है ये रिपोर्ट, आप बरतें ये सावधानियां

एक रिपोर्ट में कैंसर, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है जो डराने वाली है. भारत में गैर-संक्रामक रोगों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारत में कैंसर के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि रिपोर्ट में भारत को ‘दुनिया की कैंसर की राजधानी’ कहा गया है.

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एक हालिया रिपोर्ट ने भारतीयों की सेहत की लेकर चिंता बढ़ा दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे भारत में नॉन कम्यूनिकेबल यानी गैर संक्रामक रोगों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. अपोलो हॉस्पिटल के ‘हेल्थ ऑफ नेशनल रिपोर्ट’ के चौथे संस्करण में भारत को ‘कैंसर कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड’ यानी ‘दुनिया की कैंसर राजधानी’ कहा गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, हर तीन में से एक भारतीय प्री-डायबिटीक है, हर तीन में से दो भारतीय प्री-हाइपरटेंसिव और हर 10 में से एक भारतीय डिप्रेशन से जूझ रहा है. कैंसर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग और मानसिक बीमारियां भारत में गंभीर स्तर पर पहुंच गई है जो देश के स्वास्थ्य पर बहुत असर डाल रही हैं.

रिपोर्ट में जिस बीमारी को लेकर सबसे अधिक चिंता जताई गई, वो कैंसर है. भारत में कैंसर के बढ़ते मामले वैश्विक कैंसर के मामलों को पीछे छोड़ रहे हैं जिस कारण भारत को ‘कैंसर की नई राजधानी’ कहा जा रहा है.

रिपोर्ट में इस बात को लेकर चेतावनी दी गई है कि कम उम्र में ही प्री-डायबिटीक, प्री- उच्च रक्तचाप और मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है.

भारत में महिलाओं में सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और गर्भाशय का कैंसर हो रहा है जबकि पुरुषों में फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर आम हो गया है.

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में कैंसर का पता लगने की औसत आयु अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन इसके बावजूद, देश में कैंसर जांच दर अभी भी बहुत कम है.

*रिपोर्ट की मुख्य बातें*

-रिपोर्ट में भारतीयों में मोटापा, उच्च रक्तचाप और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (नींद न आने की बीमारी) के खतरे में भारी बढ़ोतरी का पता चला है.

-मोटापे की दर 2016 में 9 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 20 प्रतिशत हो गई.

-इसी अवधि में उच्च रक्तचाप के मामले 9 प्रतिशत से बढ़कर 13 प्रतिशत हो गए हैं.

-भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का खतरा झेल रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी खतरों से बचने के लिए नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप जरूरी है. ब्लड प्रेशर और बॉडी मास इंडेक्स की निगरानी पर भी जोर दिया गया है ताकि हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो.

अपोलो हॉस्पिटल्स की वाइस चेयरपर्सन डॉ. प्रीता रेड्डी ने जोर देते हुए कहा कि गैर-संक्रामक रोगों पर एक साथ काम करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि स्वास्थ्य क्षेत्र और राष्ट्र को एक साथ आकर काम करने की जरूरत है ताकि हम ईमानदारी के साथ गैर संक्रामक रोगों से लड़ सकें. रिपोर्ट के निष्कर्ष से जो बात सामने आई है, उससे पता चलता है कि हमें तत्काल कैंसर की महामारी, डायबिटिज, उच्च रक्तचाप, मोटापे और बाकी बीमारियों से लड़ने, उनसे बचाव करने की जरूरत है.’

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