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महाकाल मंदिर में सोमवार से शुरू होगा यह खास यज्ञ, गाय और बकरी के दूध से दी जाएगी आहुति

उज्जैन : सुवृष्टि के लिए ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शनिवार से छह दिवसीय सौमिक अनुष्ठान (महायज्ञ) शुरू होगा। परिसर में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के सामने 70 फीट लंबी विशाल यज्ञशाला तैयार की गई है। यज्ञ स्थल पर गाय व बकरी भी बांधी जाएंगी। विद्वान व यजमान आहुति देने के लिए इसी स्थान पर बैलगाड़ी के नीचे बैठकर औषधियुक्त हवन सामग्री तैयार करेंगे। बता दें कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में सौमिक अनुष्ठान किया जाना है। अब तक सोमनाथ व ओंकारेश्वर में अनुष्ठान संपन्न हो चुका है। महाकाल तीसरा ज्योतिर्लिंग है, जहां अनुष्ठान हो रहा है।

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ऊपर से खुली रहेगी यज्ञशाला

सौमिक यज्ञ की अग्नि करीब 10 से 12 मीटर ऊपर उठती है, इसलिए यज्ञशाला ऊपर से खुली रहेगी। यज्ञ की विशिष्ट परंपरा व पद्धति के कारण ही इसका आयोजन जूना महाकाल मंदिर परिसर में सीमेंट कांक्रीट से बनी यज्ञशाला में नहीं किया गया है।

मुख्य यजमान दंपती छह दिन अन्न ग्रहण नहीं करेंगे

यज्ञ का आयोजन महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कराया जा रहा है, लेकिन यजमान महाराष्ट्र के रत्नागिरी निवासी एक दंपती को बनाया जा रहा है। सौमिक अनुष्ठान में वही व्यक्ति यजमान बन सकता है, जो नित्य अग्निहोत्र करता हो। यज्ञ के मुख्य यजमान दंपती छह दिन यज्ञ स्थल पर रहेंगे। इस दौरान वे केवल फल, जूस, दूध आदि लेंगे, अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।

विद्वानों को निर्माल्य द्वार से मिलेगा प्रवेश

यज्ञ में शामिल होने आ रहे विद्वान व यजमानों को मंदिर के निर्माल्य द्वार से परिसर में प्रवेश मिलेगा। इन्हें मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष पास भी जारी किए जाएंगे। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि चूंकि यज्ञ परिसर में जलस्तंभ के समीप हो रहा है, इसलिए मंदिर की दर्शन व्यवस्था प्रभावित नहीं हो रही है। ऐसे में दर्शन व अन्य व्यवस्थाओं में परिवर्तन नहीं किया गया है।

 

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